दिल्ली में जल्द ही स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर एक नया कॉलेज स्थापित होने की योजना चर्चा में है। इसकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आगामी 3 जनवरी को रखे जाने की संभावना जताई जा रही है। यह पहल दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के विस्तार के तहत की जा रही है, जिसमें राजधानी में दो नए परिसरों और एक नए कॉलेज का निर्माण प्रस्तावित है।
प्रमुख बिंदु:
सावरकर कॉलेज की स्थापना:
- यह कॉलेज नजफगढ़ में बनाया जाएगा और इसके निर्माण की अनुमानित लागत 140 करोड़ रुपये है।
- वर्ष 2021 में, दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने इस कॉलेज के निर्माण को स्वीकृति दी थी।
- आधारशिला रखने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से अनुमति का इंतजार है।
पूर्वी और पश्चिमी परिसरों की स्थापना:
- पूर्वी परिसर:
- स्थान: सूरजमल विहार।
- अनुमानित लागत: 373 करोड़ रुपये।
- पश्चिमी परिसर:
- स्थान: द्वारका।
अन्य प्रस्तावित नाम:
दिल्ली विश्वविद्यालय ने दो नए कॉलेजों के लिए नाम सुझाने की प्रक्रिया में निम्नलिखित नामों पर भी विचार किया है:
- स्वामी विवेकानंद
- सरदार वल्लभभाई पटेल
- अटल बिहारी वाजपेयी
- सावित्रीबाई फुले
- सुषमा स्वराज (भाजपा की दिवंगत नेता के नाम पर कॉलेज का प्रस्ताव पहले ही स्वीकृत हो चुका है)।
सावरकर कॉलेज का महत्व:
- विनायक दामोदर सावरकर, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक और हिंदुत्व विचारधारा के प्रणेता थे, के नाम पर यह कॉलेज उनकी विरासत और योगदान को सम्मानित करेगा।
- यह कदम भारतीय इतिहास में सावरकर के महत्व को और व्यापक रूप से मान्यता देने का प्रयास माना जा रहा है।
शैक्षिक और सांस्कृतिक महत्व:
- इन नए परिसरों और कॉलेजों की स्थापना से दिल्ली विश्वविद्यालय के शैक्षिक बुनियादी ढांचे का विस्तार होगा।
- ये परियोजनाएं न केवल उच्च शिक्षा के अवसर बढ़ाएंगी बल्कि छात्रों को प्रेरणादायक ऐतिहासिक व्यक्तित्वों से जोड़ेंगी।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस कॉलेज की आधारशिला रखे जाने से यह परियोजना और अधिक चर्चा में आ सकती है। यह कदम दिल्ली में उच्च शिक्षा की दिशा में एक बड़ा सुधार साबित हो सकता है।