दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल को चुनाव आयोग (EC) की ओर से दूसरा नोटिस मिलना उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। आयोग ने उनके यमुना के पानी में जहर मिलाने वाले बयान पर उनसे 5 अहम सवाल पूछे हैं, जिनका जवाब 31 जनवरी तक देने को कहा गया है।
EC के सवाल:
- पानी में कहां पर जहर मिलाया गया?
- कौन सा जहर था?
- जहर के बारे में पता लगाने के लिए कौन सा तरीका अपनाया गया?
- क्या इसकी पुष्टि के लिए कोई वैज्ञानिक या तकनीकी प्रमाण है?
- क्या उन्होंने इस मामले में कोई कानूनी या प्रशासनिक कार्रवाई की?
चुनाव आयोग की आपत्ति:
EC ने यह भी कहा है कि केजरीवाल का बयान विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य बढ़ा सकता है, इसलिए उन पर कार्रवाई क्यों न की जाए? आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के मुद्दे को ‘जहर मिलाने’ के आरोपों से जोड़ना गलत है।
केजरीवाल की सफाई:
इससे पहले, केजरीवाल ने चुनाव आयोग को 14 पन्नों का जवाब भेजकर कहा था कि उनका बयान पेयजल की गुणवत्ता को लेकर था और उन्होंने भाजपा शासित राज्यों से आने वाले कच्चे पानी की खराब गुणवत्ता को उजागर करने के लिए यह टिप्पणी की थी। उन्होंने इसे एक “सार्वजनिक दायित्व” बताया था।
राजनीतिक असर:
- चुनाव से ठीक पहले यह नोटिस आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है।
- भाजपा पहले से ही इस बयान को लेकर केजरीवाल पर हमलावर थी, अब EC की कार्यवाही से उनके लिए जवाब देना और मुश्किल हो सकता है।
- अगर EC के जवाब से संतुष्ट नहीं होता, तो चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर AAP और केजरीवाल के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।