प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इन्वेस्ट यूपी के पूर्व CEO और IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच शुरू कर दी है। लखनऊ स्थित ED अधिकारियों ने लखनऊ पुलिस से FIR और अन्य संबंधित जानकारी तलब की है।
ED की जाँच में क्या-क्या शामिल?
रिश्वत कांड: दलाल निकांत जैन और उसके भाई की कंपनियों की फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन की जाँच।
संपत्ति की पड़ताल: जिन-जिन जिलों में अभिषेक प्रकाश जिलाधिकारी रहे, वहां उनकी खेती, जमीन, और अन्य संपत्तियों की जाँच।
लखनऊ का आलीशान घर: दो प्लॉट मिलाकर बनाए गए महंगे बंगले की भी ED जानकारी जुटा रही है।
निवेश प्रस्तावों की समीक्षा: जिन प्रस्तावों को इन्वेस्ट यूपी के तहत स्वीकृत या अस्वीकृत किया गया, उनकी भी पुनः जाँच होगी।
क्या है पूरा मामला?
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20 मार्च, 2025 को SAEL Solar P6 नामक कंपनी के विश्वजीत दत्ता ने IAS अभिषेक प्रकाश के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी।
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कंपनी का आरोप था कि Letter of Comfort (LOC) की मंजूरी के बदले दलाल निकांत जैन के माध्यम से ₹400 करोड़ (कुल प्रोजेक्ट का 5%) रिश्वत माँगी गई थी।
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इस शिकायत के बाद योगी सरकार ने अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया और निकांत जैन को गिरफ्तार किया गया था।
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अब ED इस भ्रष्टाचार से जुड़े पैसों के ट्रेल और लेन-देन की गहन जाँच कर रही है।
क्या हो सकता है आगे?
निकांत जैन की हिरासत में पूछताछ संभव
IAS अभिषेक प्रकाश का बयान दर्ज करने की तैयारी
अन्य अधिकारियों पर भी शिकंजा कस सकती है ED
UP इन्वेस्ट के तहत पास और रिजेक्ट किए गए निवेश प्रस्तावों की दोबारा जाँच