प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को बैंक धोखाधड़ी के एक गंभीर मामले में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के 10 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई करीब ₹190 करोड़ के बैंक घोटाले की जांच के तहत की गई, जिसमें स्टील उत्पाद बनाने वाली कंपनी श्री सिद्धदाता इस्पात प्राइवेट लिमिटेड पर गंभीर आरोप हैं।
क्या है मामला?
इस कंपनी पर आरोप है कि उसने बैंक ऑफ बड़ौदा (पूर्व में देना बैंक) से फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारी के आधार पर लोन लिया और फिर उस लोन का दुरुपयोग किया। यह एक सुनियोजित धोखाधड़ी का मामला बताया जा रहा है, जिसमें लोन की रकम को वास्तविक कारोबार में लगाए बिना अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों या लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया।
कहां-कहां मारे गए छापे?
ईडी ने छापेमारी दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और पानीपत में की। ये जगहें कंपनी के मालिकों, साझेदारों, ऑडिटरों और अन्य सहयोगियों से जुड़ी हुई हैं। इस कार्रवाई में दस्तावेज़, डिजिटल सबूत, लेन-देन संबंधी रिकॉर्ड और कुछ संदिग्ध संपत्तियों की जानकारी एकत्र की गई है।
किन पर है शक?
सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले में कुछ प्रभावशाली और बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं। ईडी मामले की गहराई से जांच कर रही है और आगामी दिनों में कुछ महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां या समन जारी किए जा सकते हैं।
अब तक की स्थिति:
कंपनी के मालिकों या प्रतिनिधियों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, ईडी इस केस को मनी लॉन्ड्रिंग और बैंकिंग फ्रॉड के तहत देख रही है और आगे की जांच में विदेशी खातों, संपत्तियों और ट्रांजैक्शन का भी विश्लेषण किया जा सकता है।
यह कार्रवाई न केवल बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि सरकारी एजेंसियां आर्थिक अपराधों पर सख्ती से नजर बनाए हुए हैं। यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो श्री सिद्धदाता इस्पात प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई तय है।