प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार (2 सितम्बर, 2023) को भूमि घोटाले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फिर से समन जारी किया है, जिसमें उन्हें 9 सितंबर को पूछताछ के लिए अपने जोनल कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है। यह उन्हें जारी किया गया तीसरा समन है। वहीं ED ने ‘जमीन हड़पने और धोखाधड़ी’ के इस मामले से जुड़े धनशोधन जाँच के तहत एक दिन पहले ही बड़ी कार्रवाई की है। जाँच एजेंसी ने इस मामले में राँची में 161 करोड़ रुपए से अधिक के तीन भूखंड भी कुर्क किए हैं।
झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 14 अगस्त को पहला समन नहीं लिया और ईडी को एक पत्र भेजकर कहा कि वह समन वापस ले लें या वह एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने समन को राजनीति से प्रेरित बताया था। जवाब में, ईडी ने फिर से एक समन जारी कर उन्हें 24 अगस्त को उसके सामने पेश होने के लिए कहा। सोरेन ने फिर से एक पत्र भेजकर इसे उपस्थित होने से मना कर दिया और कहा कि उन्होंने उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की है।
इस बीच ईडी ने भी 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है जिस पर अभी सुनवाई होनी है। बता दें कि कैविएट किसी व्यक्ति को उसके खिलाफ कोई भी निर्णय लेने से पहले उसकी बात सुनने का अधिकार देता है क्योंकि कोई भी अदालत किसी व्यक्ति का पक्ष सुने बिना उसके खिलाफ कोई निर्णय नहीं दे सकती है या उसके खिलाफ कोई आदेश जारी नहीं कर सकती है।
हालाँकि, जमीन घोटाले के मामले में ईडी ने तीसरा समन जारी किया क्योंकि उसे पता चला कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी याचिका पर शीर्ष अदालत में सुनवाई कराने में कोई तत्परता नहीं दिखा रहे थे।
गौरतलब है कि ईडी झारखंड में मनी लॉन्ड्रिंग के दो बड़े मामलों की जाँच कर रही है। पहला मामला साहिबगंज में अवैध खनन से जुड़ा है, जिसमें पिछले साल 17 नवंबर को सीएम से पूछताछ हुई थी। दूसरा मामला राज्य की राजधानी में एक कथित भूमि घोटाले से संबंधित है जिसके लिए ED द्वारा सोरेन को दो बार समन जारी किया गया है।
ईडी ने एक बयान में कहा, “राँची में चेशायर होम रोड, पुगरू और सिरम में 161.64 करोड़ रुपए के वाणिज्यिक मूल्य के तीन भूखंडों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से अटैच किया गया है। इन भूखंडों में भूमि राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से भू-माफिया के पक्ष में धोखाधड़ी से बदलाव किया गया।”