केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG के पेपर लीक के आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि इसका कोई सबूत नहीं है. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है और हम उसके फैसले का पालन करेंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी छात्र को नुकसान न हो.
#WATCH | On the Supreme Court's hearing on the NEET-UG 2024 exam, Education Minister Dharmendra Pradhan says "There is no corruption. In connection with the NEET examination, 24 lakh students appear in the examination. A hearing in the Supreme Court is underway today and this… pic.twitter.com/xpS9v55ptY
— ANI (@ANI) June 13, 2024
धर्मेंद्र प्रधान ने ये भी कहा कि दोषियों को सजा मिलेगी. पारर्दशिता के साथ कार्रवाई होगी. निषपक्षता के साथ परीक्षा पूरी होगी. शिक्षा मंत्री का ये बयान सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया है. कोर्ट ने गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि 23 जून को परीक्षा दोबारा होगी. कोर्ट के मुताबिक, 1563 छात्र फिर से परीक्षा देंगे और सभी के स्कोरबोर्ड रद्द किए जाएंगे. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, नीट-यूजी में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) में भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं. यह एक बहुत विश्वसनीय संस्था है.
SC ने जारी किया निर्देश
NEET रिजल्ट के बाद दाखिल की गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वो काउंसलिंग पर रोक नही लगाएंगे, लेकिन ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्रों को फिर से एग्जाम देना होगा.
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर कही ये बात
NEET-UG 2024 परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. NEET परीक्षा में 24 लाख छात्र परीक्षा में शामिल होते हैं. आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और इस पर मामला करीब 1500 छात्रों से जुड़ा है. सरकार कोर्ट को जवाब देने के लिए तैयार है. इस खास मुद्दे पर विचार किया जा रहा है और सरकार इसे कोर्ट के सामने पेश करेगा. देश में प्रमुख परीक्षाएं यानी NEET, JEE और CUET सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए जिम्मेदारी हम पर है. हम जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.”
क्या है पूरा मामला?
नीट 2024 की परीक्षा का परिणाम सामने आने के बाद से ही इसमें धांधली के आरोप लग रहे है. छात्रों का आरोप है कि परीक्षा में कई परीक्षार्थियों ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए हैं. इसमें से भी कई छात्रों का सेंटर एक ही जगह पर था. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से नीट-यूजी परीक्षा 5 मई को आयोजित हुई थी.
छात्रों की मांग है कि नीट यूजी की परीक्षा दोबारा होनी चाहिए, तभी सभी के साथ न्याय हो सकता है. जांच के लिए NTA ने जो कमेटी बनाई है, उससे लोगों को कोई उम्मीद नहीं है.
यह भी दावा किया गया कि पूर्ण अंक हासिल करने वाले छात्रों में से कई छात्रों ने इतने उच्च अंक प्राप्त किए क्योंकि उन्होंने फिजिक्स का एक सवाल गलत किया था और उन्हें ग्रेस अंक दिए गए थे. परीक्षा के संचालन में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए अलग-अलग कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है. नीट रिजल्ट के बाद कांग्रेस ने सवाल किया था कि एक साथ 67 टॉपर के 720/720 अंक कैसे आए? एक ही सेंटर के 8 बच्चों के 720/720 अंक कैसे आए? हर सवाल 4 नंबर का फिर 718-719 नंबर कैसे आया?