भारतीय इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल इंडिया ने सोमवार (11 सितंबर) को कहा, जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रस्तावित ‘भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा’ एक गेम-चेंजर परियोजना साबित होगी और वैश्विक व्यापार, इंजीनियरिंग निर्यात को भारी गति देगी।
ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा कि यह गलियारा “वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को और अधिक लचीला” बनाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य भारत को समुद्र और बंदरगाह के जरिए मध्य पूर्व के रास्ते से यूरोप से जोड़ना है।
लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी
गरोडिया ने एक बयान में कहा, यह महाद्वीपों (Continents) में वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही को नए सिरे से परिभाषित करेगा क्योंकि इससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी और शिपमेंट की डिलीवरी जल्दी होगी। उन्होंने कहा कि भारत के इंजीनियरिंग निर्यात क्षेत्र के लिए, मध्य पूर्व और यूरोप दोनों प्रमुख बाजार हैं। इस पैमाने का यहां परिवहन बुनियादी ढांचा होने से वैश्विक स्तर पर इसकी प्रतिस्पर्धा में काफी बढ़ोत्तरी होगी।