वक्फ संशोधन बिल को लेकर कांग्रेस के नेता और मुस्लिम समुदाय के कुछ प्रतिनिधि विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस इस बिल को लेकर सड़क से संसद तक विरोध कर रही है, जिसमें पार्टी के नेता नफरती बयान देने वाले मौलानाओं के साथ मिलकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है और उनके धार्मिक अधिकारों को नुकसान पहुंचा सकता है।
सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने जयपुर में एक बड़ी मुस्लिम भीड़ को इकट्ठा किया और वक्फ बिल को मुस्लिम समुदाय पर “सबसे बड़ा हमला” करार दिया। इस मौके पर मौलाना तौकीर रजा जैसे विवादित नेताओं को बुलाया गया, जो धार्मिक बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं। इमरान मसूद, जो वक्फ बिल पर बनी संयुक्त संसदीय कमिटी (JPC) के सदस्य हैं, इस बिल के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं और इसका विरोध करते रहे हैं।
कांग्रेस का यह आरोप है कि वक्फ बिल के माध्यम से धार्मिक स्थलों और संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ेगा, जो मुस्लिम समाज के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करेगा। इस विरोध के बीच, कुछ नेता मंदिरों के सोने को बेचने के मुद्दे पर भी बयान दे रहे हैं, जिससे विवाद और बढ़ता जा रहा है।
जयपुर में इकट्ठा मुस्लिमों से मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि उन्हें अपनी ताकत दिखानी होगी। मौलाना तौकीर रजा ने मुस्लिमों से संसद घेर कर अपने मर्जी के कानून बनवाने को कहा है। उन्होंने वक्फ बिल लाने को गुस्ताखी बताया और यहाँ तक कि सरकार के लोगों की गिरफ्तारी की बात कह डाली।
मौलाना तौकीर रजा का हालिया बयान, जिसमें उन्होंने धमकी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तो “ऐसी ताकत से आएँगे कि सरकार की रूह काँप जाएगी,” एक गंभीर विवाद का कारण बन गया है। उनका यह बयान एक सार्वजनिक मंच पर था, जहां कई मुस्लिम नेता और मौलाना भी मौजूद थे। इस तरह के बयान धार्मिक समुदायों के बीच उत्तेजना पैदा कर सकते हैं और राजनीतिक रूप से संवेदनशील माहौल बना सकते हैं।
वहीं, कांग्रेस के नेता कमरुज्जमान चौधरी का भी एक बयान चर्चा में आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि मंदिरों के सोने को बेचकर देश का कर्जा माफ किया जा सकता है। यह बयान टीवी डिबेट में दिया गया था और इसमें मंदिरों की संपत्तियों के बारे में जो बातें की गईं, वे भी काफी विवादास्पद हैं। इन दोनों बयानों को लेकर आलोचनाएं और प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, खासकर क्योंकि यह संवेदनशील धार्मिक और आर्थिक मुद्दों पर आधारित हैं।
कांग्रेस के नेताओं का यह बयान और मौलाना तौकीर रजा का धमकी भरा बयान दोनों ही सार्वजनिक विमर्श को प्रभावित कर रहे हैं, जिससे धार्मिक और राजनीतिक हलकों में तनाव बढ़ सकता है।
Congress says Govt shld sell all the gold donated to Hindu Temples.
Same Congress is fighting for draconian WAQF Board laws that captures land of Hindus.
Did you ever see Congress telling WAQF to donate all its land to poor? No!
pic.twitter.com/ciyIVJ28Pm
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) November 10, 2024
कर्नाटक में वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों की सैकड़ों एकड़ ज़मीन को लेकर भेजे गए नोटिस ने कांग्रेस की सिद्दारमैया सरकार को विवादों में घेर लिया है। इस नोटिस को लेकर विवाद बढ़ने पर सरकार ने हाल ही में इसे वापस लेने का आदेश दिया। कर्नाटक में वक्फ से संबंधित भूमि विवादों की स्थिति में और भी मामले सामने आए हैं, जिसमें एक झड़प भी हुई थी, जिसमें कई लोग घायल हुए थे। इन घटनाओं ने राज्य सरकार और वक्फ के संबंधों पर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस पार्टी का वक्फ बिल को लेकर विरोध तब और भी अहम हो जाता है जब पार्टी खुद कर्नाटक में वक्फ से जुड़े मामलों का सामना कर रही है। बावजूद इसके, कांग्रेस के नेता इस समय मुस्लिम समुदाय को सड़कों पर इकट्ठा करने और वक्फ बिल को संसद में रोकने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही, कांग्रेस के सांसद संयुक्त संसदीय कमिटी (JPC) में वक्फ बिल के खिलाफ लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं, जो वक्फ संपत्तियों के नियंत्रण को लेकर महत्वपूर्ण संशोधन प्रस्तावित करता है।
कांग्रेस का यह विरोध वक्फ से जुड़े मुद्दों पर राजनीति को और तेज़ कर सकता है, खासकर तब जब पार्टी खुद कर्नाटक में वक्फ से संबंधित भूमि विवादों का सामना कर रही है।