लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के लिए चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसी के साथ पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. बता दें कि इस बार भी 2019 को आम चुनाव की तरह ही सात चरणों में मतदान होगा. पहले चरण के लिए प्रत्याशी 20 मार्च से नामांकन कर सकेंगे. इस चरण के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा. पहले चरण में देश के कुल 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगें. इनमें आठ सीटें उत्तर प्रदेश की भी शामिल हैं.
जबकि तमिलनाडु की 39, राजस्थान की 12 और मध्य प्रदेश की 6 लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा. पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया 27 मार्च तक चलेगी. हालांकि बिहार में नामांकन प्रक्रिया 28 मार्च तक चलेगी. वहीं प्रत्याशी 30 मार्च तक अपना नाम वापस ले सकेंगे. वहीं बिहार में नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 2 अप्रैल होगी. पहले चरण में देश के कुल 10 राज्यों में लोकसभा चुनाव संपन्न हो जाएंगे.
पहले चरण में इन राज्यों में डाले जाएंगे वोट
सात चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. इस चरण में अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप, पुडुचेरी, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, मिजोरम, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर की एक-एक लोकसभा सीट के लिए वोटिंग होगी. वहीं मेघालय, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, की 2-2 सीटों के लिए मतदान होगा. इनके अलवा मध्य प्रदेश की 6, महाराष्ट्र और महाराष्ट्र की 5-5, बिहार की चार, राजस्थान की 12, तमिलनाडु की 39, उत्तराखंड की 5, उत्तर प्रदेश की 8 और पश्चिम बंगाल की कुल तीन सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे.
यूपी की इन आठ सीटों पर पहले चरण में मतदान
पहले चरण में 19 अप्रैल को उत्तर प्रदेश की जिन आठ सीटों के लिए मतदान होगा उनमें पश्चिमी यूपी की सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत लोकसभा सीट शामिल हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में इन आठ सीटों में से बीजेपी ने तीन सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि बसपा के खाते में तीन और सपा को दो सीटों पर जीत मिली थी.
बता दें कि लोकसभा सीटों के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है. यहां लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं. 2014 के चुनाव में बीजेपी ने राज्य की 71 सीटें जीती थी, वह एनडीए के सहयोगी दलों ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं 2019 के आम चुनाव में बीजेपी 62 सीटें जीतने में ही कामयाब हुई थी. क्योंकि तब सपा-बसपा गठबंधन ने पूर्वांचल की कई सीटों पर जीत का परचम लहराया था. जबकि पश्चिम यूपी की 8 सीटों में से पांच सीटें जीतने में उन्हें कामयाबी मिली थी.
क्या हैं ये गाइडलाइंस, जानिए
1. हेट स्पीच की जगह नहीं- चुनाव आयोग ने दिशानिर्देश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि चुनाव में हेट स्पीच की कोई जगह नहीं है। अगर कोई नेता या कार्यकर्ता हेट स्पीच का उपयोग करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
2. धनबल पर एक्शन- चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव में धनबल को लेकर सख्ती बरती जाएगी। अगर चोरी-छिपे कोई नेता या उसके कार्यकर्ता धनबल का उपयोग करते हैं, तो उसकी खैर नहीं। इसके लिए हमने जांच एजेंसियों से संपर्क साधा है।
3. फर्जी खबर फैलाने वालों की खैर नहीं- आयोग ने कहा है कि चुनाव के दौरान अगर सोशल मीडिया या मीडिया में कोई भी किसी भी तरह की फर्जी खबर फैलाते हुए पकड़े जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने कहा है कि हमने फेक खबरों की पहचान के लिए एक सेटअप भी तैयार किया है।
4. क्रिमिनल रिकॉर्ड वालों को टिकट क्यों दिया गया , ये बताना होगा – चुनाव आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों को यह बताना होगा कि उन्होंने क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले नेताओं को टिकट क्यों दिया? इसके लिए राजनीतिक दलों को अखबारों और टीवी चैनलों पर विज्ञापन देना होगा।
5. पर्सनल अटैंक नहीं करेंगे स्टार कैंपेनर- चुनाव आयोग ने कहा है कि सभी दलों के स्टार कैंपेनर एक-दूसरे पर पर्सनल अटैक करने से बचेंगे। अगर वो ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ आयोग कार्रवाई कर सकती है। आयोग का कहना है कि चुनाव मुद्दों पर आधारित होना चाहिए।
6. बच्चों की तस्वीर का उपयोग नहीं करेंगे- चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को कहा है कि वे अपने कैंपेन में किसी भी तरह से छोटे बच्चों का उपयोग नही कर सकते। चुनाव आयोग का कहना है कि इस तरह के काम करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
7. गलत विज्ञापन देने पर कार्रवाई- चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर कोई राजनीतिक दल गलत विज्ञापन देने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
8. जाति और धर्म की बात न करें- चुनाव आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के दौरान जाति और धर्म की बात नहीं करनी चाहिए। चुनाव प्रचार सबको जोड़ने वाला हो, ना कि तोड़ने वाला।
9. सोशल मीडिया पर प्रतिद्वंदियों को बदनाम न करें- आयोग ने सभी दलों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा है कि सोशल मीडिया पर किसी भी नेता और उसके उम्मीदवारों को बदनाम करने वाला पोस्ट न करें। ऐसे करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
10. संगठन को सही सलाह दें- चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से कहा है कि सभी दल अपने संगठनों को सही सलाह दें। आयोग ने कहा है कि सभी दल संगठन के कामकाज को पारदर्शी भी रखें।