नारायणपुर जिले के दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बस्तर जिले की सीमा में शुक्रवार को दोपहर में गोबेल के जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 6 नक्सलियों को मार गिराया गया। मुठभेड़ के बाद की गई सर्चिंग के दौरान 3 महिला एवं 3 पुरुष नक्सलियों के शव बरामद किए गए। इसके साथ ही सुरक्षा बलों ने 3 राइफल, बीजीएल लॉन्चर समेत कुल 6 हथियार और नक्सल सामग्री भी बरामद की है। नक्सलियों के शवों की पहचान की जा रही है।
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि पूर्व बस्तर डिवीजन इलाके में मुंगेड़ी और गोबेल गांव के जंगल में बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। इस सूचना के आधार पर 6 जून की रात को दंतेवाड़ा, नारायणपुर, जगदलपुर और कोंडागांव जिले की डीआरजी, 45वीं वाहिनी आईटीबीपी, और सीआरपीएफ की टीमों ने मौके के लिए कूच किया था। 7 जून को पूरे दिन नक्सलियों के साथ मुठभेड़ चली।
शुक्रवार रात को पुलिस द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, मुठभेड़ के दौरान 5 नक्सलियों के शव और हथियार बरामद किए गए थे, और 3 जवान घायल हुए थे। शनिवार दोपहर 12 बजे तक यह संख्या बढ़कर 6 नक्सलियों के शव और हथियार बरामद होने की पुष्टि की गई। घायल जवानों को हेलिकॉप्टर से रायपुर भेजा गया, जहाँ उनकी स्थिति सामान्य और खतरे से बाहर बताई गई है।
पुलिस और सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि नारायणपुर डीआरजी के तीन जवान भी घायल हुए हैं। मुठभेड़ अब समाप्त हो गई है और जवान वापस लौट रहे हैं। आज शाम 04 बजे जगदलपुर के त्रिवेणी परिसर में बस्तर आईजी, संबंधित डीआईजी, एसपी, और सीआरपीएफ के अधिकारी मुठभेड़ से संबंधित विस्तृत जानकारी देंगे।
यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। गुप्त सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने तेजी से कार्रवाई की और नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता प्राप्त की। सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेगी। यह घटना छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ जारी संघर्ष में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों की तत्परता और साहस ने नक्सलियों को करारा जवाब दिया है। जवानों ने बहादुरी के साथ त्वरित कार्रवाई करते हुए नक्सलियों के मंसूबों को नाकाम कर इलाके में शांति और सुरक्षा बनाए रखने का प्रयास किया है।