उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कर्नाटक के धारवाड़ में कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय में अमृत महोत्सव के अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए किसानों की समस्याओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं का समय पर समाधान किया जाना चाहिए और इस पर सरकार काम कर रही है, लेकिन सभी को मिलकर इस दिशा में तालमेल के साथ काम करना चाहिए।
किसान और कृषि क्षेत्र पर उपराष्ट्रपति का दृष्टिकोण:
- किसानों की आर्थिक सुरक्षा: उपराष्ट्रपति ने किसानों की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि किसानों से जुड़े सभी मुद्दों का समाधान किया जाना चाहिए।
- कृषि क्षेत्र का प्रभाव: उन्होंने कृषि उपज आधारित उद्योगों जैसे कपड़ा, खाद्य उत्पाद और खाद्य तेल में देश की समृद्धि के बारे में भी बात की। इन क्षेत्रों में किसानों को लाभ हो रहा है।
- किसानों का भला: उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें किसान को खुश रखने के लिए तीन महत्वपूर्ण काम करने होंगे:
- हमारे किसान खुश रहें
- हम अपने किसानों को खुश रखें
- हम किसी भी कीमत पर किसानों को खुश रखें।
कृषि क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता:
उपराष्ट्रपति ने कृषि क्षेत्र में परिवर्तन की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि किसानों को नई तकनीक अपनानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हमें कृषि क्षेत्र के तनावों को मुक्त करने और उनका विश्लेषण करने का समय आ गया है।
Hon'ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar presided as Chief Guest at the Amrut Mahotsav and Alumni Meet of College of Agriculture, University of Agricultural Sciences, Dharwad in Karnataka today.@UASDharwad_05 @TCGEHLOT @JoshiPralhad @SantoshSLadINC #AgriculturalSciences pic.twitter.com/0M002eXaLV
— Vice-President of India (@VPIndia) January 16, 2025
कृषि सब्सिडी और तकनीकी सहायता:
उपराष्ट्रपति ने कृषि क्षेत्र की सब्सिडी को सीधे किसानों तक पहुंचाने की वकालत की, ताकि किसान रासायनिक उर्वरकों के विकल्पों की ओर बढ़ें। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों के 50,000 किसानों को जोड़ने की बात की, जिससे कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आएगा।
भारत की आर्थिक स्थिति:
उपराष्ट्रपति ने भारत की आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा की और कहा कि हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन रहे हैं। भारत को आकांक्षाओं का राष्ट्र बताते हुए उन्होंने कहा कि हम अगले दो साल में तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।
उपराष्ट्रपति के बयान में स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया गया कि किसानों और कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता देने की जरूरत है, ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था और किसान दोनों समृद्ध हो सकें। उनके विचारों में समय पर समाधान, तकनीकी उन्नति, और बेहतर सहयोग से कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।