मुंबई में सोमवार को आयोजित भारत-रूस व्यापार मंच कार्यक्रम में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भारत-रूस संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण बात रखी। उन्होंने कहा कि रूस ने 2022 से एशिया पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग के कई नए अवसर उत्पन्न हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और रूस के बीच मजबूत, समवर्ती और गहरी दोस्ती का लंबा इतिहास है, जो उन्हें इन अवसरों का पूरा लाभ उठाने का मौका देता है।
जयशंकर ने यह भी बताया कि दोनों अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे की पूरक हैं, और यह भारत के साथ साझेदारी, जिसकी बाजार क्षमता आने वाले दशकों में 8% विकास दर के साथ बढ़ेगी, दोनों देशों और वैश्विक स्तर पर फायदे की स्थिति उत्पन्न करेगी। यह बयान भारत-रूस व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है।
#WATCH मुंबई में भारत-रूस व्यापार मंच को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "रूस ने 2022 से एशिया पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है। इससे सहयोग के कई और अवसर पैदा हुए हैं। मजबूत समवर्ती और गहरी दोस्ती का एक लंबा इतिहास हमें दोनों कारकों का पूरा लाभ उठाने का अवसर… pic.twitter.com/AZq4DVT4yT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 11, 2024
भारत-रूस व्यापार मंच में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने 10 प्रमुख घटनाक्रमों का उल्लेख किया, जो दोनों देशों के व्यापार और सहयोग को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं:
- द्विपक्षीय व्यापार: वर्तमान में भारत-रूस व्यापार 66 बिलियन डॉलर है और 2030 तक इसे 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
- व्यापार संतुलन: व्यापार संतुलन को सुधारने की आवश्यकता है क्योंकि वर्तमान में यह बहुत एकतरफा है।
- यूरेशियन आर्थिक संघ: भारत-यूरेशियन आर्थिक संघ व्यापार वार्ता इस वर्ष मार्च में शुरू हुई और इसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
- पहला द्विपक्षीय निवेश मंच: अप्रैल 2024 में मास्को में पहला द्विपक्षीय निवेश मंच आयोजित किया गया।
- रूसी सुदूर पूर्व के साथ सहयोग: 2024-29 के लिए सहयोग कार्यक्रम पर जुलाई में हस्ताक्षर किए गए, जिसमें कनेक्टिविटी पर भी ध्यान दिया गया।
- राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार: यह समझौता विशेष रूप से वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में महत्वपूर्ण है।
- सीमा शुल्क समझौता: मई 2024 में दोनों देशों के सीमा शुल्क अधिकारियों के बीच द्विपक्षीय समझौता हुआ, जो व्यापार में सुगमता लाएगा।
- कनेक्टिविटी पहल: तीन महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी परियोजनाओं (INSTC, चेन्नई-व्लादिवोस्तोक गलियारा, और उत्तरी समुद्री मार्ग) पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- मेक इन इंडिया: रूस की बढ़ती प्रशंसा से मेक इन इंडिया के तहत सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
- सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग: शिक्षा और फिल्म जैसे गैर-आर्थिक क्षेत्रों का महत्व बढ़ रहा है, जो दोनों देशों के बीच सामाजिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा।
इसके अलावा, जब जयशंकर से पूछा गया कि डोनाल्ड ट्रंप की संभावित जीत से अन्य देशों को चिंता हो सकती है, तो उन्होंने भारत और अमेरिका के रिश्तों पर जोर दिया। जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों—बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन—के साथ काम किया है, और भारत इस संबंध को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है।
Speaking at the India – Russia Business Forum in Mumbai today.
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— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 11, 2024