ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना द्वारा “रेड टीमिंग” रणनीति का उपयोग एक बड़ा सैन्य नवाचार है, जो भारत की रणनीतिक सोच में हो रहे बदलाव को दर्शाता है।
रेड टीमिंग (Red Teaming) क्या है?
- रेड टीमिंग एक ऐसी रणनीतिक तकनीक है, जिसमें एक स्वतंत्र टीम बनाई जाती है जो दुश्मन की सोच को अपनाकर हमारी अपनी योजनाओं को चुनौती देती है।
- इसका उद्देश्य है:
🔹 हमारी योजना की कमजोरियों की पहचान
🔹 दुश्मन की संभावित प्रतिक्रियाओं का अनुमान
🔹 ऑपरेशन से पहले सभी खतरों की समीक्षा करना
उदाहरण: अगर भारतीय सेना हमला करने की योजना बना रही है, तो रेड टीम यह सोचती है कि “अगर मैं पाकिस्तान हूं, तो मैं कैसे जवाब दूंगा?”
भारत में पहली बार असली ऑपरेशन में उपयोग
- ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार भारत ने रेड टीमिंग को सक्रिय रूप से प्रयोग में लाया।
- पांच वरिष्ठ अधिकारियों की एक रेड टीम बनाई गई थी, जो अलग-अलग क्षेत्रों से लिए गए थे।
- इस रणनीति का नाम रखा गया है: “विदुर वक्ता”, जो महाभारत के विदुर की बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता से प्रेरित है।
विदुर वक्ता: भारतीय सेना की नई सोच
- “विदुर वक्ता” टीम का काम है:
- हर रणनीति को चुनौती देना
- संभावित खतरों की चेतावनी देना
- निर्णय लेने वालों को यथार्थवादी परिदृश्यों से अवगत कराना
इससे ऑपरेशन ज्यादा तैयार, कमजोरियों से मुक्त, और तेज प्रतिक्रिया वाला बनता है।
REDFOR बनाम रेड टीमिंग
बिंदु | REDFOR | रेड टीमिंग |
---|---|---|
उद्देश्य | दुश्मन की भूमिका निभाना | अपनी योजना की दुश्मन की नजर से जांच |
प्रयोग | अभ्यासों (exercises) में | असली ऑपरेशन और रणनीति निर्माण में |
गतिविधि का स्वरूप | रेत मॉडल / युद्ध सिमुलेशन | योजनाओं का विश्लेषण और चुनौती |
भविष्य की योजनाएं
- सेना ने 15 अधिकारियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया है रेड टीमिंग के लिए।
- अगले दो वर्षों में इसे और अधिक विस्तार देने की योजना है।
- इसका उद्देश्य भविष्य के ऑपरेशनों को सटीक, प्रभावी और लचीला बनाना है।
निष्कर्ष
“ऑपरेशन सिंदूर” में रेड टीमिंग का प्रयोग दिखाता है कि भारत अब सिर्फ ताकत से नहीं, बल्कि रणनीतिक गहराई और मानसिक श्रेष्ठता से भी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहा है।
“विदुर वक्ता” जैसी सोच भारत को न केवल युद्ध के मैदान में, बल्कि नीति निर्माण और खुफिया रणनीतियों में भी एक नई ऊंचाई पर ले जा सकती है।