गुजरात में हुए स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजे एक बार फिर साबित करते हैं कि राज्य में भाजपा की पकड़ बेहद मजबूत है। 68 में से 60 नगरपालिकाओं, सभी 3 तालुका पंचायतों और जूनागढ़ महानगरपालिका (JMC) में भाजपा की शानदार जीत दिखाती है कि गुजरात में विपक्षी दल भाजपा को टक्कर देने में असमर्थ हैं।
मुख्य निष्कर्ष:
- भाजपा का दबदबा बरकरार:
- भाजपा ने कांग्रेस के हाथों से 15 नगरपालिकाओं की सत्ता छीन ली।
- कांग्रेस सिर्फ एक नगरपालिका में जीत पाई।
- समाजवादी पार्टी ने दो नगरपालिकाओं में जीत दर्ज कर ली।
- आम आदमी पार्टी (AAP) की कमजोर स्थिति:
- AAP ने 500 से अधिक उम्मीदवार उतारे लेकिन सिर्फ 27 सीटें जीत सकी।
- कुल वोट प्रतिशत महज 4.28% रहा।
- 2022 विधानसभा चुनावों में 13% वोट पाने वाली AAP स्थानीय चुनावों में कमजोर पड़ गई।
- कांग्रेस के मुकाबले भी AAP का प्रदर्शन कमजोर रहा।
- सलाया नगरपालिका चुनाव – AAP की हार:
- सलाया नगरपालिका में 90% से अधिक मुस्लिम आबादी है।
- भाजपा ने सिर्फ 12 उम्मीदवार उतारे क्योंकि पार्टी को वहां चुनावी संभावना नहीं दिख रही थी।
- मुख्य मुकाबला कांग्रेस और AAP के बीच था, लेकिन कांग्रेस ने 28 में से 15 सीटें जीत लीं, जबकि AAP सिर्फ 13 सीटें जीत पाई।
- गुजरात में कांग्रेस की स्थिति:
- कांग्रेस 2017 में 78 विधानसभा सीटें जीतकर मजबूत विपक्ष बनी थी, लेकिन 2022 में वह सिर्फ 17 सीटों पर सिमट गई।
- इसके बावजूद, स्थानीय निकाय चुनावों में AAP से बेहतर प्रदर्शन कर कांग्रेस गुजरात में भाजपा की मुख्य विपक्षी पार्टी बनी हुई है।
निष्कर्ष:
- गुजरात में भाजपा के सामने फिलहाल कोई बड़ी चुनौती नहीं दिख रही।
- आम आदमी पार्टी की “कमबैक” की बात सोशल मीडिया नैरेटिव से ज्यादा कुछ नहीं है।
- कांग्रेस भले ही कमजोर हो गई हो, लेकिन वह AAP की तुलना में भाजपा की बड़ी प्रतिद्वंद्वी बनी हुई है।
- इन नतीजों से साफ संकेत मिलता है कि गुजरात में भाजपा की चुनावी पकड़ अभी भी बहुत मजबूत है।