शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर किसानों का शांतिपूर्ण पैदल मार्च, कृषि और किसान मुद्दों को लेकर बढ़ते असंतोष का प्रतीक है। 101 किसान, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले, अपने मांगों को लेकर कूच कर चुके हैं।
#WATCH | Drone visuals from the Punjab-Haryana Shambhu border as farmers continue to protest over their various demands.
According to farmer leader Sarwan Singh Pandher, a 'Jattha' of 101 farmers will march towards Delhi today at 12 noon. pic.twitter.com/ejAD3OSytA
— ANI (@ANI) December 14, 2024
आंदोलन की मुख्य बातें:
- किसानों का उद्देश्य: किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा। किसानों ने सरकार से अपनी मांगों पर बातचीत का आग्रह किया है, लेकिन साथ ही आंदोलन को निर्णायक लड़ाई में बदलने की चेतावनी भी दी है।
- पुलिस की तैनाती: हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस की भारी तैनाती से साफ है कि प्रशासन इस मार्च को लेकर सतर्क है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
- किसानों की मांगें:
- कृषि उपज के उचित मूल्य की गारंटी।
- ऋण माफी और किसानों की आर्थिक सुरक्षा।
- हाल ही में केंद्र या राज्य सरकार की किसी नीतिगत फैसले से असंतोष, जिसकी वजह से यह प्रदर्शन हो रहा है।
पंढेर का बयान:
सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि यह लड़ाई आर-पार की हो सकती है, लेकिन इससे पहले सरकार को बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए। यह बयान सरकार और किसानों के बीच संवाद की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
संभावित प्रभाव:
- यदि बातचीत जल्द शुरू नहीं होती, तो यह आंदोलन व्यापक रूप ले सकता है, जैसा कि पहले भी किसान आंदोलन (2020-21) के दौरान देखा गया था।
- दिल्ली और हरियाणा में यातायात और सामान्य जनजीवन पर प्रभाव पड़ सकता है।
- केंद्र और राज्य सरकार के लिए इसे संवेदनशीलता से संभालना आवश्यक होगा, ताकि हालात न बिगड़ें।
अंबाला में इंटरनेट सस्पेंड
प्रशासन की तरफ से कहा गया, “अंबाला के डंगडेहरी, लेहगढ़, मानकपुर, ददियाना, बड़ी घेल, छोटी घेल, ल्हारसा, कालू माजरा, देवी नगर (हीरा नगर, नरेश विहार), सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू गांवों में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया है.”
#WATCH | Visuals from the Haryana-Punjab Shambhu Border where the farmers are protesting over various demands.
According to farmer leader Sarwan Singh Pandher, a 'Jattha' of 101 farmers will march towards Delhi today at 12 noon. pic.twitter.com/Tfb1F8dSqE
— ANI (@ANI) December 14, 2024
पहले भी कर चुके हैं दिल्ली कूच की कोशिश
गौरतलब है कि रविवार को प्रदर्शनकारी किसानों को शंभू सीमा से दिल्ली तक अपना पैदल मार्च स्थगित करना पड़ा था, क्योंकि उनमें से कुछ हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने से घायल हो गए थे, जिन्होंने एक बार फिर प्रदर्शनकारियों द्वारा पंजाब-हरियाणा सीमा से आगे जाने के प्रयास को विफल कर दिया था। किसान यूनियनों के अनुसार, किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की बिगड़ती सेहत के कारण उन्हें अपना विरोध प्रदर्शन स्थगित करना पड़ा, जो 26 नवंबर से आमरण अनशन पर हैं।
पंजाब के किसान नेताओं से मिले राकेश टिकैत
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने भी शुक्रवार को पंजाब के किसान नेताओं से मुलाकात की और संयुक्त लड़ाई के लिए किसान समूहों की एकजुटता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल हमारे बड़े नेता हैं और हम उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं, पूरे देश के किसान चिंतित हैं। सरकार को संज्ञान लेना चाहिए। ऐसा नहीं लगता कि डल्लेवाल तब तक अपना आमरण अनशन वापस लेंगे, जब तक सरकार बातचीत नहीं करती और उनकी मांगें पूरी नहीं करती।
टिकैत ने दी सरकार को चेतावनी
टिकैत ने यह भी चेतावनी दी कि केंद्र को किसानों की ताकत दिखानी होगी और इसके लिए दिल्ली को अब निरस्त कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले आंदोलन की तरह सीमाओं पर नहीं घेरना होगा, बल्कि केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे) से राष्ट्रीय राजधानी को घेरना होगा। उन्होंने कहा कि एक बार फिर 4 लाख ट्रैक्टरों की जरूरत है।