मोहम्मद जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई एक संवेदनशील मामला बन गया है, जिसमें फर्जी खबरें फैलाने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के आरोप शामिल हैं। यह मामला सोशल मीडिया की ताकत और जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़ा करता है, खासकर जब सामग्री सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने का जोखिम रखती हो।
मामले के प्रमुख बिंदु:
- आरोप और धाराएँ:
- जुबैर पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएँ लगाई गई हैं, जो समुदायों में वैमनस्य फैलाने (धारा 153A), मानहानि (धारा 500), और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने (धारा 295A) से संबंधित हैं।
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धाराएँ भी शामिल की गई हैं।
- FIR का आधार:
- यह FIR उदिता त्यागी द्वारा दर्ज कराई गई है। आरोप है कि जुबैर ने डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती का एक पुराना वीडियो साझा किया, जिससे मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैलने की संभावना बनी।
- वीडियो में कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया गया था, जिससे विवाद और बढ़ गया।
- पुलिस का हलफनामा:
- इलाहाबाद हाई कोर्ट में पुलिस ने हलफनामा देकर बताया कि जुबैर की पोस्ट्स से भारत की एकता और अखंडता को नुकसान पहुँचा।
- पुलिस ने यह भी कहा कि जुबैर ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की।
- जुबैर का पक्ष:
- मोहम्मद जुबैर ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट का रुख किया है। उनका कहना हो सकता है कि उनका इरादा किसी को भड़काने का नहीं था और उन्होंने केवल तथ्यों को उजागर किया।
यह हलफनामा देने का आदेश हाई कोर्ट ने 25 नवम्बर, 2024 को हुई पिछली सुनवाई को दिया था। पुलिस ने बुधवार (27 नवम्बर, 2024) को यह हलफनामा कोर्ट को सौंपा है। मोहम्मद जुबैर इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुँचा है।
मोहम्मद जुबैर के खिलाफ यह FIR उदिता त्यागी ने दर्ज करवाई है। जुबैर पेर आरोप है कि उसने डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती का एक पुराना वीडियो साझा किया और मुस्लिम भीड़ को भड़काया। इस वीडियो में कथित तौर पर यति नरसिंहानंद ने इस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद का अपमान किया था।
इस वीडियो को डाले जाने के बाद मुस्लिम भीड़ डासना मंदिर के बाहर इकट्ठा हुई और बवाल काटा। देश के बाकी कई हिस्सों में भी मुस्लिमों ने खूब हंगामा किया। कई जगह पर ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए गए। इन हमलों में कई पुलिसवाले भी घायल हुए थे।
भाई अगर @UPGovt के वकीलों ने ठीक से अपना पक्ष रखा तो इसे इस बार इसे कोई नहीं बचा सकता
बाक़ी मैं पूरी ताक़त से इस डिजिटल जिह!दी के ख़िलाफ़ हर क़ीमत पर लड़ूँगी
अब ये जिह!दी जहां भी जिस भी कोर्ट में जाएगा वहीं इसको करारा जवाब मिलेगा मैं इसके पीछे जाऊँगी
बाक़ी @myogiadityanath… https://t.co/8vXfBPhIQ0
— डॉ उदिता त्यागी (@druditatyagi) November 27, 2024
उदिता त्यागी ने इस मामले में मोहम्मद जुबैर पर कार्रवाई की माँग की है। उदिता त्यागी यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं। उदिता त्यागी ने इस मामले पर कहा है कि अगर उत्तर प्रदेश के सरकारी वकीलों ने सही पक्ष रखा तो मोहम्मद जुबैर को जेल जाने से कोई नहीं बचा पाएगा।