उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में बाम्बेश्वर पर्वत के निकट प्राचीन शिव मंदिर के पास मस्जिद के निर्माण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस स्थान को लेकर मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान यहां जल चढ़ाया था, जिससे यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अनुसार, वहां पहले मजार बनाई गई थी, जिसे अब धीरे-धीरे मस्जिद का रूप दिया जा रहा है। विहिप का दावा है कि पर्वत की प्रकृति और पत्थरों की बनावट को देखते हुए वहां स्वाभाविक रूप से मजार का निर्माण संभव नहीं था, और इसे जानबूझकर स्थापित किया गया है।
विहिप ने इस कथित अवैध निर्माण का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया, जिसके बाद प्रशासन ने स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात कर दिया है। जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर ही निर्माण की वैधता तय की जाएगी। हालांकि, विहिप के पदाधिकारियों का कहना है कि निर्माण कार्य अवैध तरीके से किया जा रहा है और इसे तत्काल रोका जाना चाहिए।
विहिप के जिला अध्यक्ष चंद्र मोहन बेदी का आरोप है कि बाम्बेश्वर पर्वत, जो उनके अनुसार भगवान राम से जुड़ी एक महत्वपूर्ण तपस्थली है, पर अवैध निर्माण किया जा रहा है। उनका कहना है कि पहले मजार बनाई गई और अब उसे मस्जिद का रूप दिया जा रहा है, जो धार्मिक दृष्टि से विवादित है। बेदी ने यह भी सवाल उठाया कि पथरीली और पत्थरों से भरी जमीन पर मजार का निर्माण कैसे संभव हो सकता है।
उन्होंने जिला प्रशासन पर भी आरोप लगाए कि इस मामले की ठीक से जांच नहीं की गई, और विहिप ने मुख्यमंत्री से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि इस निर्माण को हटाने के लिए प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए।
यह मामला अब गरमा गया है और प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में पुलिस तैनात कर दी है। अब यह प्रशासन पर निर्भर करेगा कि जांच के बाद इस विवाद का हल निकाला जाए और यह तय किया जाए कि यह निर्माण वैध था या अवैध।
बांदा जनपद के अपर जिलाधिकारी (वित्त) राजेश कुमार का कहना है कि इस प्रकरण पर गंभीरता पूर्वक कार्य किया जा रहा है। मौके पर फिलहाल शांति व्यवस्था कायम है और आसपास के क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। जब यह प्रकरण हम लोगों की जानकारी में आया। उसके बाद से ही इस मामले की जांच कराई जा रही है। निर्माण वैध है अथवा अवैध है, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर निर्णय लिया जा सकेगा। अगर निर्माण अवैध पाया जाता है तो उसे हटाया जाएगा।