विदेश मंत्री एस. जयशंकर 24-29 दिसंबर तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद भारत की ओर से ये अमेरिका की पहली उच्च स्तरीय यात्रा होगी. छह दिवसीय यात्रा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका में अपने समकक्षों से मिलेंगे.
विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, विदेश मंत्री एस. जयशंकर 24-29 दिसंबर तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वो द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अपने समकक्षों से मिलेंगे. साथ ही अमेरिका में भारत के महावाणिज्य दूतों के सम्मेलन में शामिल होंगे. ये सम्मेलन उनकी अध्यक्षता में होगा.
External Affairs Minister, Dr S Jaishankar will visit the United States of America from 24-29 December 2024: MEA pic.twitter.com/cwskgt8w6L
— ANI (@ANI) December 23, 2024
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अमेरिका यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों को और सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह यात्रा कई दृष्टिकोणों से अहम है:
- पहली उच्च स्तरीय यात्रा: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद यह भारत की पहली उच्च स्तरीय यात्रा होगी, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक और कूटनीतिक संबंधों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा: इस यात्रा के दौरान, जयशंकर प्रमुख द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक विषयों पर अपने समकक्षों से चर्चा करेंगे, जिनमें व्यापार, रक्षा, ऊर्जा सहयोग, और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे शामिल हो सकते हैं।
- महावाणिज्य दूतों का सम्मेलन: विदेश मंत्री अमेरिका में भारत के महावाणिज्य दूतों के सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। यह भारत के कूटनीतिक दृष्टिकोण को सुदृढ़ करने और वहां की भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ संबंध मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगा।
- समय और संदर्भ: इस यात्रा का समय खास है क्योंकि यह नई अमेरिकी प्रशासन के साथ संबंधों को पुनर्जीवित करने और समसामयिक चुनौतियों पर सहयोग बढ़ाने का मौका है।
यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने का अवसर प्रस्तुत करती है, खासतौर पर वैश्विक राजनीति के बदलते परिदृश्य में।
फैसलों पर वीटो लगाने की परमिशन नहीं देगा भारत
इस दौरे से इतर एस. जयशंकर ने मुंबई में एक समारोह के दौरान बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत कभी भी दूसरों को अपने फैसलों पर वीटो लगाने की परमिशन नहीं देगा. भारत किसी डर की परवाह किए बिना देश के हितों और दुनिया की भलाई के लिए जो भी सही होगा, करेगा.
टेक्नोलॉजी और परंपरा को साथ चलना होगा
विदेश मंत्री ने कहा, भारत की विरासत से दुनिया बहुत कुछ सीख सकती है. वैश्वीकरण के युग में टेक्नोलॉजी और परंपरा को साथ चलना होगा. इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत प्रगति करेगा, हालांकि उसे अपनी भारतीयता खोए बिना ये करना होगा. तभी हम बहुध्रुवीय विश्व में अग्रणी शक्ति के रूप में उभरेंगे.
आज महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है भारत
विदेश मंत्री ने कहा, स्वतंत्रता को कभी भी तटस्थता के साथ भ्रमित नहीं करना चाहिए. हम संगत होने के किसी डर की परवाह किए बिना अपने हित और दुनिया की भलाई के लिए काम करेंगे. भारत आज महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है. पिछले दशक ने दिखाया है कि भारत के पास क्षमताएं, आत्मविश्वास और व्यापक मोर्चों पर विकास को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता है.