1. ऋषि सुनक का भारत के समर्थन में बयान:
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का यह कहना कि “कोई भी देश किसी दूसरे देश द्वारा नियंत्रित भूमि से होने वाले आतंकी हमलों को स्वीकार नहीं कर सकता” — एक बहुत ही मजबूत कूटनीतिक संदेश है। यह सीधे तौर पर पाकिस्तान के आतंकवादी ढांचे और उसकी छूट देने वाली नीति की आलोचना है।
उनका यह कहना कि “भारत का आतंकवादी ढांचे पर हमला करना उचित है”, यह भारत की क्रॉस-बॉर्डर स्ट्राइक या मिसाइल कार्रवाई को वैध और आवश्यक आत्मरक्षा का कदम मानता है।
No nation should have to accept terrorist attacks being launched against it from land controlled by another country.
India is justified in striking terrorist infrastructure. There can be no impunity for terrorists.
— Rishi Sunak (@RishiSunak) May 7, 2025
2. पहलगाम हमले पर मानवीय संवेदना:
ऋषि सुनक द्वारा कहा गया कि “नवविवाहितों, बच्चों और परिवारों की खुशियां छीन ली गईं”, यह दिखाता है कि यह हमला न केवल सामरिक दृष्टि से, बल्कि नैतिक और मानवता के विरुद्ध अपराध था। उनका यह भी कहना — “आतंक कभी नहीं जीतेगा” — वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता को दर्शाता है।
3. प्रीति पटेल की संसद में टिप्पणी:
ब्रिटेन की पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल का संसद में खुलकर भारत के समर्थन में बोलना और यह कहना कि:
“भारत को आत्मरक्षा के लिए कार्रवाई का पूरा अधिकार है”,
“ब्रिटेन को भारत के साथ मिलकर आतंकवाद से निपटना चाहिए” —
यह ब्रिटेन की राजनीति में एक द्विदलीय सहमति को दर्शाता है कि भारत के खिलाफ आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
कूटनीतिक असर:
- यह भारत के लिए वैश्विक समर्थन का संकेत है, विशेष रूप से पश्चिमी लोकतांत्रिक देशों से।
- पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ सकता है।
- भारत की सर्जिकल स्ट्राइक्स या मिसाइल हमलों की वैधता को पश्चिमी देशों की स्वीकार्यता मिल रही है।