देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने बुधवार को कांग्रेस के घोषणापत्र का मजाक उड़ाया। साथ ही राहुल गांधी के ‘धन पुनर्वितरण वादे’ की आलोचना करते हुए कहा कि केवल कोई व्यावहारिक ज्ञान नहीं वाला व्यक्ति ही ऐसा बोल सकता है। 90 वर्षीय जद (एस) सुप्रीमो ने दावा किया कि कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जो कभी सत्ता में नहीं आने को लेकर इतनी आश्वस्त है, इतने सारे वादे कर सकती है।
गौड़ा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बहुत सारे वादे किए हैं। एकमात्र पार्टी जिसे पूरा यकीन है कि वह कभी भी सत्ता में नहीं आएगी, वह इतने वादे करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस देश को उल्टा करना चाहती है और उसके द्वारा किए गए वादों से संकेत मिलता है कि वह ‘किसी भी कीमत पर’ सत्ता में आना चाहती है।
क्या उन्हें लगता है कि वह एक जन नेता हैं?
राहुल गांधी के वादों पर गौड़ा ने कहा कि ‘कांग्रेस नेता धन सर्वेक्षण करना चाहते हैं और धन वितरित करना चाहते हैं। क्या उन्हें लगता है कि वह एक जन नेता हैं? वह एक क्रांति का सपना देख रहे हैं। आर्थिक उदारीकरण में पी वी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के योगदान को याद करते हुए उन्होंने आगे कहा कि धन पुनर्वितरण की बात करके राहुल गांधी ने कांग्रेस के दो प्रधानमंत्रियों का अपमान किया है, जिन्होंने बाजार सुधार लाए और देश की संपत्ति बढ़ाई।’
गौड़ा ने कहा, ‘राहुल गांधी आर्थिक सुधारों को उसी तरह फाड़ दिया है, जैसे उन्होंने (तत्कालीन) मनमोहन सिंह (सरकार) द्वारा जारी एक अध्यादेश को फाड़ दिया था। कांग्रेस के घोषणापत्र ‘न्याय पत्र’ से कुछ बिंदुओं को उठाते हुए, गौड़ा ने कहा कि राहुल गांधी केंद्र सरकार की 30 लाख नई नौकरियां देना चाहते हैं और इस देश को चलाना चाहते हैं।
रातोंरात 30 लाख से अधिक नौकरियां कैसे पैदा करेगा कांग्रेस
उन्होंने पूछा केवल 40 लाख स्वीकृत नौकरियां हैं। वह रातोंरात 30 लाख से अधिक नौकरियां कैसे पैदा कर सकते हैं? वह इन लोगों को कितना भुगतान करेगा? वह उन्हें कहां रोजगार देंगे। केवल कोई व्यावहारिक ज्ञान न रखने वाला व्यक्ति ही इस तरह बोल सकता है। (पी) चिदम्बरम घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष थे। क्या वह राहुल गांधी के अपरिपक्व आर्थिक विचारों से सहमत हैं?’