महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। एफओबी कवांडे के पास महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर हुए एक भीषण एनकाउंटर में चार माओवादी मारे गए हैं। यह कार्रवाई तब की गई जब पुलिस को माओवादियों की उपस्थिति को लेकर विश्वसनीय खुफिया सूचना मिली।
कैसे हुआ एनकाउंटर?
- समय: 22 मई की दोपहर
- स्थान: कवांडे और नेलगुंडा से इंद्रावती नदी के तट तक
- नेतृत्व: एडिशनल एसपी रमेश
- बल:
- 12 सी-60 पार्टियां (करीब 300 कमांडो)
- CRPF का एक घटक
भारी बारिश के बावजूद सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।
आज सुबह नदी किनारे घेराबंदी और तलाशी के दौरान माओवादियों ने अचानक फायरिंग शुरू की। सुरक्षा बलों ने दृढ़ता से जवाबी कार्रवाई की और लगभग दो घंटे तक मुठभेड़ चली।
बरामद सामान:
- 4 माओवादियों के शव
- 1 स्वचालित सेल्फ लोडिंग राइफल (SLR)
- 2 .303 राइफल
- वॉकी-टॉकी सेट, कैंपिंग सामग्री, नक्सली साहित्य
- सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है, अन्य छिपे माओवादियों की तलाश की जा रही है।
पृष्ठभूमि में बड़ी कार्रवाई: 27 नक्सली मारे गए थे
इसके पहले 21 मई को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के जंगलों में 27 नक्सली ढेर किए गए थे, जिनमें सीपीआई-माओवादी महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू भी शामिल थे।
- संयुक्त ऑपरेशन में शामिल बल:
- DRG (जिला रिजर्व गार्ड) की नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव टीमें
- बरामद हथियार: AK-47, SLR, INSAS, कार्बाइन, गोला-बारूद
- शहीद: एक DRG जवान
- घायल: कई जवान
महत्वपूर्ण संकेत
इन दो बड़ी कार्रवाइयों से यह साफ है कि:
- माओवादी नेटवर्क को लगातार गहरे झटके मिल रहे हैं
- सुरक्षा बलों की रणनीति अब अधिक सटीक और आक्रामक हो चुकी है
- सरहदी इलाकों में नक्सल गतिविधियों पर अब मजबूत पकड़ बन रही है
यदि आप चाहें, तो मैं इन घटनाओं के राजनीतिक, सुरक्षा या रणनीतिक पहलुओं पर विस्तृत विश्लेषण भी कर सकता हूँ।