भारत की स्वतंत्रता के 77वें समारोह पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन राव भागवत ने बेंगलुरू में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उनके साथ संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले भी मौजूद थे। बेंगलुरू के वासावी कंवेंशन हॉल में समर्थ भारत द्वारा आयोजित एक समारोह में पहुंचे संघ प्रमुख ने सबसे तिरंगा फहराया। उसके पश्चात राष्ट्रगान जन गण मन का गान किया। उन्होंने समारोह में उपस्थित कार्यकर्ताओं और नागरिकों को संबोधित भी किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देशवासियों को 77वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। अपने शुभकामना संदेश में संघ ने 15 अगस्त 2023 को सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के एक वक्तव्य का अंश साझा किया है।
डॉक्टर भागवत का कहना है, “15 अगस्त, 1947 को हमको स्वतंत्रता मिली। अंग्रेजों से हमने अपने देश को अपने हाथ में ले लिया। यह हमारे लिए गौरव का क्षण है और हमारे लिए संकल्प का भी क्षण हैं। यह यकायक नहीं हुआ। हमने लिया, किसी की कृपा से नहीं मिला, लंबा संघर्ष करने के बाद मिला।
वो तंत्र तो हमको मिल गया, लेकिन अब उसको स्व-तंत्र बनाना है। स्व-तंत्र होना यानी सब मामलों में स्व-निर्भर होना पड़ता है। हमारा राष्ट्रध्वज बताता है, हमको कैसा देश गढ़ना है। वो देश दुनिया में बड़ा होगा तो क्या होगा, वो अन्य लोगों पर राज नहीं करेगा, डंडा नहीं चलाएगा। वो तो अपने त्याग से दुनिया को गढ़ेगा, दुनिया के हित के लिए त्याग करेगा। हम यह सब समाज की, मानवता की, पर्यावरण की, सृष्टि की धारणा का धर्म पालन करके करेंगे।
इसके लिए हमको परिश्रम करना है। आने वाले दिनों में, ये नहीं पूछना कि मुझे क्या मिलेगा, मेरा देश मुझे क्या देता है, मेरा समाज मुझे क्या देता है? बल्कि, मैं अपने देश को क्या दे रहा हूं, मैं अपने समाज को क्या दे रहा हूं ? मेरी उन्नति में मेरे समाज की, देश की उन्नति हो रही कि नहीं ? इसका विचार करके ही अपना जीवन जिऊं, इसकी आवश्यकता है।”