नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक चरण की शुरुआत (2024-2025)
मुख्य ऑपरेशन और उपलब्धियाँ:
तारीख | स्थान | मारे गए नक्सली | प्रमुख नाम |
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16 अप्रैल 2024 | कांकेर | 29 | शंकर राव (₹25 लाख इनामी) |
30 अप्रैल 2024 | नारायणपुर | 10 | – |
10 मई 2024 | बीजापुर | 12 | – |
4 अक्टूबर 2024 | दंतेवाड़ा | 38 | – |
10 फरवरी 2025 | बीजापुर | 31 | 11 महिला नक्सली शामिल |
14 मई 2025 | कुर्रेगुट्टा | 31 | – |
21 मई 2025 | नारायणपुर | 27 | नंवबल्ला केशव राव उर्फ बसवराजू (₹1.5 करोड़ इनामी, महासचिव स्तर) |
नंवबल्ला केशव राव उर्फ बसवराजू का मारा जाना क्यों महत्वपूर्ण है?
- यह पहली बार है कि महासचिव स्तर का नक्सली मारा गया है।
- वो 2010 के ताड़मेटला और दंतेवाड़ा हमले का मास्टरमाइंड था जिसमें 76 जवान शहीद हुए थे।
- साथ ही 2013 का झीरम घाटी नरसंहार भी उसी की योजना थी।
- इस ऑपरेशन को गृह मंत्री अमित शाह ने “ऐतिहासिक उपलब्धि” करार दिया।
सरकार की रणनीति:
- 2026 तक नक्सलवाद मुक्त भारत का लक्ष्य (गृह मंत्री अमित शाह)
- ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट जैसी योजनाएं राज्यों की सीमाओं को पार करते हुए समन्वित कार्रवाई कर रही हैं।
- अब तक (14 महीनों में) 400+ नक्सली मारे गए, और सैकड़ों ने आत्मसमर्पण किया।
मुख्यधारा में लौटते नक्सली:
- आत्मसमर्पण की सरकार की “उदार नीति” के तहत बड़ी संख्या में नक्सली हथियार डाल रहे हैं।
- केवल मारना नहीं, पुनर्वास और समाज में पुन: एकीकरण पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
अब अगला निशाना: माड़वी हिड़मा
- भारत का सबसे कुख्यात नक्सली कमांडर
- ताड़मेटला हमले का मास्टरमाइंड
- अब सुरक्षा बलों की शीर्ष प्राथमिकता
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया:
- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा:
“हमारे जवान बहादुरी से लड़ रहे हैं। जब से हम सरकार में आए हैं, तब से नक्सलवाद के खात्मे के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं।”
निष्कर्ष:
भारत सरकार और राज्य सरकारों की नक्सलवाद के खिलाफ रणनीति अब परिणाम देने लगी है। यह लड़ाई सिर्फ सैन्य नहीं बल्कि सामाजिक, प्रशासनिक और पुनर्वास के स्तर पर भी लड़ी जा रही है।
यदि यह अभियान इसी तरह चलता रहा, तो मार्च 2026 तक “नक्सल मुक्त भारत” का सपना सच होता दिख रहा है।