आगामी आम बजट 2025-26 को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों के प्रतिनिधि अपनी मांगें सरकार के समक्ष रख रहे हैं। इस संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं:
रत्न और आभूषण उद्योग की मांगें:
- जीएसटी दर में कमी:
- वर्तमान स्थिति: रत्न और आभूषण उद्योग पर वर्तमान में 3% जीएसटी लागू है।
- मांग: इसे घटाकर 1% किया जाए, जिससे:
- उद्योग की लागत का बोझ कम हो।
- उपभोक्ताओं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, आभूषणों की सामर्थ्य बढ़ सके।
- औपचारिक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले और राजस्व संग्रह में सुधार हो।
- प्रयोगशाला में बने हीरों पर रियायत:
- प्राकृतिक हीरों के बराबर टैक्स दर होने के कारण, उद्योग ने प्रयोगशाला में बने टिकाऊ और किफायती हीरों पर रियायती जीएसटी दर की मांग की है।
- ईएमआई पर आभूषण:
- उद्योग ने आभूषण खरीद के लिए ईएमआई योजनाओं को लागू करने की माँग की, जिससे उपभोक्ताओं के लिए इसे और अधिक सुलभ बनाया जा सके।
- स्वर्ण मौद्रीकरण योजना में सुधार:
- बेकार पड़े घरेलू सोने को अर्थव्यवस्था में शामिल करने और आयात पर निर्भरता घटाने के लिए योजना को अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता।
- समर्पित मंत्रालय की स्थापना:
- रत्न और आभूषण उद्योग के लिए एक केंद्रीय मंत्रालय और राज्यवार नोडल कार्यालयों की मांग, ताकि उद्योग को संरचनात्मक और प्रशासनिक समर्थन मिल सके।
जम्मू-कश्मीर से जुड़ी मांगें:
- जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात कर अपने राज्य के लिए विशेष बजटीय प्रावधानों की मांग की।
- बैठक में आर्थिक और विकासात्मक जरूरतों पर चर्चा हुई, जिसमें बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन पर फोकस रहा।
सरकार के लिए संभावित चुनौतियाँ:
- विभिन्न क्षेत्रों की मांगों के बीच संतुलन बनाना।
- बढ़ती वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और महंगाई के बीच बजट का आकार और संरचना तय करना।
- उद्योगों की प्रोत्साहन मांग और सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए वित्तीय संसाधन सुनिश्चित करना।
क्या उम्मीदें हो सकती हैं?
- रत्न और आभूषण सेक्टर:
- जीएसटी में आंशिक कमी और स्वर्ण मौद्रीकरण योजना में सुधार की संभावनाएँ।
- प्रयोगशाला में बने हीरों पर अलग कर प्रणाली लागू हो सकती है।
- जम्मू-कश्मीर:
- राज्य के लिए बुनियादी ढांचा और रोजगार सृजन पर विशेष प्रावधान।
- ग्रामीण और मध्यम वर्ग:
- रोजगार, कृषि, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए प्रोत्साहन योजनाएँ।
- उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देने के लिए टैक्स राहत।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट देश की विकास प्राथमिकताओं को रेखांकित करेगा और अलग-अलग उद्योगों की मांगों के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया तय करेगा।