राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत गुजरात के दो दिन के दौरे पर थे। इन दो दिनों में वह भरूच और बड़ौदा में प्रबुद्ध नागरिक मंच में उपस्थित रहे। इस अवसर पर सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत जी ने समाज में सज्जन शक्ति के संगठित होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता, पारिवारिक उपदेश, संस्कार सिंचन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी मूल्यों की जागृति तथा नागरिक कर्तव्य शिक्षा के आधार पर सामाजिक परिवर्तन के लिए सज्जन शक्ति का संगठित होना जरूरी है। आचरण के माध्यम से समाज में जाति-पाति के भेद दूर करने के विशेष प्रयास किये जाने चाहिए। सज्जन शक्ति का नेटवर्क तैयार करने के लिए विशेष प्रयोग किये जाने चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यसमिति के सदस्य भैयाजी जोशी ने प्रस्तावना में कहा कि हम दुनिया की सबसे प्राचीन संस्कृति और परंपरा के वाहक हैं। समय-समय पर सामाजिक जीवन में दोषों के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं का समाधान समाज की सज्जन शक्ति जैसे अध्यात्म, शिक्षा, कला, उद्योग शक्ति के आधार पर ही सुलझाने की हमारी परंपरा रही है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति का जीवन सभ्य बनना चाहिए तभी पूरा समाज भी सभ्य बनेगा।
इस अवसर पर समाज में सेवा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, कला, साहित्य, लेखन उद्योग एवं सामाजिक परिवर्तन के क्षेत्र में कार्यरत प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे। प्रतिभागियों ने उनके द्वारा चलाये जा रहे प्रोजेक्ट के बारे में अपने विचार एवं राय प्रस्तुत किए। यात्रा के दौरान डॉ मोहन भागवत जी ने गरूदेश्वर दत्त मंदिर में पूजा-अर्चना भी की ।