लोकसभा में आज (9 अगस्त) लगातार दूसरे दिन अविश्वास प्रस्ताव पर बहस हो रही है। संसद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी बात रखी। राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने मणिपुर में भारत माता की हत्या की है।
संसद में गिरिजा टिक्कू और सरला भट्टा का हुआ जिक्र
राहुल गांधी का भाषण खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी अपनी प्रतिक्रिया दी। ईरानी ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार का मुद्दा सदन में उठाया।
स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने कहा, – “गिरिजा टिक्कू के जीवन पर जब एक फिल्म बनाई गई तो कांग्रेस के कुछ प्रवक्ताओं ने उसे प्रोपेगेंडा बताया। वो नहीं चाहते कि कश्मीरी पंडितों की दास्तान कहीं सुनाई जाए। गिरिजा टिक्कू और सरला भट्ट को इंसाफ कब मिलेगा? क्या कश्मीरी पंडितों की आवाज भारत की आवाज नहीं है?”
अगर आप भी सोच रहे हैं कि आखिर केंद्रीय मंत्री ने गिरिजा कुमारी टिक्कू और सरला भट्ट का नाम क्यों लिया, तो आइए आपको बताएं कि आखिर इन दो कश्मीरी पंडित महिलाओं के साथ क्या अत्याचार हुआ था।
सन् 1990 के दशक में लाखों कश्मीरी पंडितों को अपना घर छोड़कर कश्मीर घाटी से बाहर जाना पड़ा था। सैंकड़ों पंडितों का कत्लेआम हुआ था। मस्जिदों से घोषणा की गई कि कश्मीरी पंडित काफिर हैं और उन्हें कश्मीर छोड़ना होगा। अगर नहीं छोड़ा तो कश्मीरी पंडितों को इस्लाम कबूल करना होगा वरना उन्हें मार दिया जाएगा।
कौन थीं गिरिजा कुमारी टिक्कू?
पिछले साल कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार पर आधारित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ रिलीज हुई थी। इस फिल्म में गिरिजा कुमारी टिक्कू की कहानी का जिक्र किया गया। बारामुला जिले के अरीगाम गांव में रहने वाली गिरिजा एक सरकारी स्कूल में लैब असिस्टेंट के रूप में काम करती थी। 11 जून 1990 के दिन गिरिजा टिक्कू अपनी सैलरी लेने के लिए स्कूल गईं थी। उसी दिन वो अपने स्कूल के स्टाफ से मिलने उनके घर भी गईं।
आतंकियों ने बेरहमी से की हत्या
गिरिजा टिक्कू को इस बात का आभास तक नहीं था कि आतंकवादियों की नजर उन पर है। घर वापस जाते समय जब वो बस से यात्रा कर रही थीं, तो आतंकियों ने उन्हें रोक दिया। गिरिजा को बस से निकालकर आतंकियों ने उसे एक टैक्सी में फेंक दिया, जिसमें पांच आदमी थे।
उस कार में गिरिजा के एक स्कूल के स्टाफ भी मौजूद थे। आतंकियों ने गिरिजा के साथ न सिर्फ बेरहमी से दुष्कर्म किया बल्कि आरी से जिंदा काटकर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी। उस समय उनकी उम्र 20 साल थी।
कौन थीं सरला भट्ट?
स्मृति ईरानी ने सदन में भाषण के दौरान सरला भट्ट का भी जिक्र किया है। सरला अनंतनाग से ताल्लुक रखती थीं। वो एक नर्स थीं। वो सौरा में मौजूद शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में काम करती थीं। उन्हें 14 अप्रैल 1990 को उनके मेडिकल इंस्टीट्यूट से जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के आतंकियों ने किडनैप कर लिया था।
आतंकियों ने उनके साथ कई दिनों तक सामूहिक दुष्कर्म किया था। इसके बाद क्रूरता के साथ आतंकियों ने उनके शरीर के कई टुकड़े कर दिए और शव को 19 अप्रैल 1990 को श्रीनगर के डाउनटाउन में फेंक दिया था।