बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद ने एक फरमान जारी कर दरभंगा के श्यामा माई मंदिर में बलि देने पर रोक लगा दी है। इस फरमान का स्थानीय लोग सड़क पर उतरकर विरोध कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री और बिहार के बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने भी इस फरमान का विरोध किया है। उन्होंने पूछा है कि श्यामा माई मंदिर में बलि देने पर रोक लगाने वाले क्या बकरीद पर इस तरह की रोक लगा सकते हैं।
मोदी सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि यदि बकरीद उनके मजहब का हिस्सा है तो बलि प्रदान करना भी हमारे धर्म का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अनादि काल से सनातन में बलि देने की परंपरा चली आ रही है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हिंदुओ को केवल झटका माँस ही खाना चाहिए।
अपने लोकसभा क्षेत्र बेगूसराय में रविवार (18 दिसम्बर, 2023) को उन्होंने कहा कि वे उन मुस्लिमों के प्रशंसक हैं जो अपने मजहब के प्रति समर्पित हैं। जिन्होंने तय कर रखा है कि वे केवल हलाल माँस का सेवन करेंगे। हिंदुओं को भी अपनी धार्मिक परंपराओं के प्रति इसी तरह की प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए।
#WATCH | Patna, Bihar: Union Minister Giriraj Singh says, "Sanatana Dharma has 'bali pratha' (animal sacrifice) since ages…I have said that I respect my Muslim brothers. They are so committed to their religion that they only consume halal meat…To protect and respect your… pic.twitter.com/v1W5vpAYuO
— ANI (@ANI) December 18, 2023
उन्होंने कहा कि हिंदू अपने धर्म की रक्षा के लिए केवल झटका माँस खाए। नहीं मिले तो नहीं खाएँ। उन्होंने यह भी बताया कि सनातन में बलि प्रदान करने का जो तरीका है उसमें एक बार में वध किया जाता था। इसे ‘झटका’ कहते हैं। वहीं हलाल में पशु को धीरे-धीरे काटा जाता है। हिंदुओं को इस तरीके का माँस खाकर खुद को भ्रष्ट नहीं करना चाहिए।
उन्होंने सभा में मौजूद लोगों को शपथ दिलाई कि वह सभी झटका माँस ही खाएँगे और हलाल माँस नहीं खाएँगे। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे शाम के समय मंदिर जाएँ। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में सनातन से बढ़िया कोई धर्म नहीं है।
गौरतलब है कि हाल ही में गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था जिसमें राज्य में हलाल उत्पादों की बिक्री को उत्तर प्रदेश की तर्ज पर रोकने की माँग की थी। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने इसी साल नवंबर में हलाल प्रमाणित उत्पादों के बिक्री पर रोक लगा दी थी।