पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने कहा है भारतीय सेना की पूरी कोशिश यही है कि स्थिति बिगड़े नहीं. वहीं, उत्तरी सीमा पर पीएलए की तैनाती को लेकर सीडीएस ने कहा कि यहां चीनी सेना में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. वह उतनी ही है जितनी 2020 में थी. उन्होंने कहा कि हमें अपने दावे की वैधता बनाए रखनी होगी. सीमा विवाद अलग मुद्दा है, लेकिन जिन पर हमारा दावा है वहां यथास्थिति बनानी होगी.
मंगलवार को पुणे में एनडीए की पासिंग आउट परेड में नए अधिकारियों को संबोधित करते हुए सीडीएस ने कहा किहम ऐसे समय में हैं जहां वैश्विक सुरक्षा की स्थिति अच्छी नहीं है. भारत की सशस्त्र सेनाएं भी एक बड़े परिवर्तन की राह पर हैं. पड़ोसी मुल्क (पाकिस्तान) में राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल भारतीय सेना के लिए एक अलग तरह की चुनौती है.
सीडीएस ने कहा कि देश की सशस्त्र बल नियंत्रण रेखा पर हमारे दावों की वैधता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम न केवल हमारे निकट बल्कि पड़ोस में भी शांति और स्थिरता बनाए रखने में रचनात्मक भूमिका निभाते हैं.
सेना में बदलावा का जिक्र करते हुए सीडीएस ने कहा कि हम सैन्य मामलों में एक तरह की नई क्रांति भी देख रहे हैं, जो कि तकनीक से संबंधित हैं. भारत की सशस्त्र सेना भी एक बड़े परिवर्तन से गुजर रही है.पासिंग आउट परेड में सीडीएस चौहान ने महिला अधिकारियों को बधाई भी दी. उन्होंने कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि आपने देश की रक्षा के लिए इस जिम्मेदारी को उठाने का रास्ता चुना.
सीडीएस चौहान ने इस बात का जिक्र ऐसे समय में किया है कि जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच गतिरोध चल रहा है. विवाद का हल निकालने के लिए भारत चीन की ओर से कई बार सैन्य वार्ता भी हो चुकी है. दूसरी ओर से पाकिस्तान अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान में राजनीतिक संकट भी खड़ा हो गया है.
पहले इमरान खान को सत्ता से बेदखल किया गया और अब उनके खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी चल रही है. सरकार के साथ-साथ सेना में भी इमरान खान के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. स्थिति ये हो गई है कि इमरान खान की पार्टी के कई नेता गिरफ्तारी के डर से पार्टी छोड़कर चले गए हैं.