कॉर्बेट सिटी रामनगर के तराई पश्चिमी फॉरेस्ट डिविजन में कोसी नदी किनारे हुए अतिक्रमण मामले में शासन स्तर से जवाब तलब किया गया है। जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने इस मामले में शासन से अपडेट देने को कहा है। उल्लेखनीय है कि रामनगर में कोसी नदी किनारे वन भूमि की जमीन पर बाहर से आए लोगों ने अवैध कब्जे कर लिए है और इनमें ज्यादातर यूपी से आए मुस्लिम समुदाय के लोग हैं,जिनकी वजह से डेमोग्राफी चेंज की समस्या मुखर होती दिखाई दे रही है।
अवैध रूप से बसे इन कब्जे करने वालों ने इस पुछड़ी बस्ती का नाम बदल कर रहमत नगर रख दिया है, बताया जाता है कि राजनीतिक संरक्षण प्राप्त भू माफिया यहां सक्रिय है और सरकारी जमीन पर किए अवैध कब्जों को सौ रु के स्टांप पेपर पर बेच रहे हैं। अभी तक अरबों की जमीन खुर्द-बुर्द की जा चुकी है।
वन विभाग ने इन अवैध कब्जों को हटाने के लिए कई बार नोटिस भी दिए, मुनादी भी करवाई है। पिछली बार वन विभाग ने ड्रोन सर्वे करवा कर यहां के अवैध कब्जों को सेटलाइट के माध्यम से चिन्हित करते हुए अपने साक्ष्य भी जुटाए थे। वन विभाग ने यहां अवैध कब्जे हटाने के लिए पुलिस प्रशासन से फोर्स भी मांगी थी,किंतु अन्य कार्यों में व्यस्तताओं के कारण पुलिस फोर्स नहीं मिली।
डीएफओ ने अधिकारियों को दिया अपडेट
जानकारी के मुताबिक “पाञ्चजन्य” में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए डीएफओ तराई पश्चिम प्रकाश आर्य ने डीएम नैनीताल को पत्र लिख कर अवैध कब्जों के बारे में ताजा स्थिति से अवगत कराया है और कब्जा हटाने के लिए पुलिस प्रशासन से सहयोग और फोर्स दिए जाने की अपेक्षा जताई है।
एक हजार से ज्यादा कब्जेदार
जानकारी के मुताबिक, वन विभाग ने यहां एक हजार से ज्यादा परिवारों को चिन्हित किया हुआ है जिन्होंने यहां वन भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ। अवैध कब्जेदार राजनीतिक संरक्षण की वजह से बेखौफ है, वोट बैंक की राजनीति ने यहां राम नगर शहर में और आसपास भू माफिया संस्कृति को बढ़ावा दिया। जिसकी वजह से मुस्लिम आबादी यहां एक सोची समझी रणनीति के तहत यहां आकर बसती जा रही।
सीएम धामी ने भी मंगाई रिपोर्ट
रामनगर क्षेत्र में वन भूमि पर अवैध कब्जे किए जाने मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने रिपोर्ट मंगाई है और हो रहे अवैध कब्जों पर अपनी गहरी नाराजगी भी जाहिर करते हुए कहा है कि अवैध कब्जे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। बेहतर तो यही कि लोग खुद ब खुद अपना सामान समेट लें।