Schedule Caste के लिए बनेंगे SHRESTHA रेजिडेंशियल हाई स्कूल
मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट यानी सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय ने अनुसूचित जाति (SC) के स्टूडेंट्स के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए श्रेष्ठ (SHRESTHA) स्कीम लॉन्च की है।
इसके तहत अनुसूचित जाति बहुल इलाकों में रेजिडेंशियल हाई स्कूल्स बनाए जाएंगे। स्कीम का मकसद है शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की ओर से चलाए जा रहे प्रोग्राम्स का स्टूडेंट्स तक ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाना।
SHRESTHA का मतलब है:
- SH – Scheme for
- R – Residential
- E – Education for
- S – Students in
- H – High schools
- TA – in Targeted Areas
NGOs और रेजिडेंशियल हाई स्कूल अथॉरिटीज के बीच कोलैबोरेशन के जरिए SC स्टूडेंट्स के लिए खासतौर पर स्कूल बनेंगे ताकि इन स्टूडेंट्स के ओवरऑल डेवलपमेंट के लिए इन्हें उपयुक्त माहौल मिल सके।
SHRESTHA स्कीम के तहत टार्गेटेड एरिया यानी अनुसूचित जाति बहुल इलाकों में रेजिडेंशियल हाई स्कूल्स बनाए जाएंगे। इस स्कीम का मकसद है शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की ओर से चलाए जा रहे प्रोग्राम्स का स्टूडेंट्स तक ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाना।
स्कीम के तहत NGOs और रेजिडेंशियल हाई स्कूल अथॉरिटीज के बीच कोलैबोरेशन के जरिए SC स्टूडेंट्स के लिए खासतौर पर स्कूल बनेंगे ताकि इन स्टूडेंट्स के ओवरऑल डेवलपमेंट के लिए इन्हें उपयुक्त माहौल मिल सके।
राज्य के बेस्ट CBSE, स्टेट बोर्ड स्कूल बनेंगे SHRESTHA स्कूल
स्कीम को दो चरणों के तहत लॉन्च किया जाएगा। पहले स्टेज में सिलेक्टेड बच्चों को SHRESTHA स्कूलों में एडमिशन दिया जाएगा। इसके बाद इन स्टूडेंट्स को इंडिविजुअल डेवलपमेंट के लिए ब्रिज कोर्स भी कराया जाएगा।
राज्य में CBSE और स्टेट बोर्ड के ऐसे प्राइवेट रेजिडेंशियल स्कूल जिनका पिछले तीन सालों से 10वीं और 12वीं में लगातार 75% पास रेट हो, उन्हें सिलेक्शन कमिटी के अप्रूवल के बाद SC स्टूडेंट्स के लिए SHRESTHA स्कूल के तौर पर विकसित किया जाएगा।
ऐसे मिलेगा SHRESTHA स्कूलों में एडमिशन:
- हर साल इन स्कूलों में करीब 3000 SC स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलेगा।
- हर साल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) नेशनल एंट्रेंस टेस्ट फॉर श्रेष्ठ (NTES) एग्जाम कंडक्ट करेगी। फिर मेरिट के आधार पर 9वीं से 12वीं में एडमिशन के लिए बच्चों को चुना जाएगा।
- टेस्ट के लिए सिर्फ वो स्टूडेंट्स अप्लाई कर सकेंगे जिनके पेरेंट्स की सालाना आय 2.5 लाख रुपए से कम हो।
- स्कीम के तहत स्टूडेंट की पूरी ट्यूशन और हॉस्टल फीस भी कवर की जाएगी यानी रेजिडेंशियल स्कूल में पढ़ने और रहने का खर्च सरकार उठाएगी।
- स्कूल की फीस इस प्रकार होगी- 9वीं के लिए 1,00,000 रुपए, 10वीं के लिए 1,10,000 रुपए, 11वीं के लिए 1,11,000 रुपए, 12वीं के लिए 1,35,000 रुपए।
व्यक्तिगत तौर पर बच्चों की जरूरत पूरे करने के लिए ब्रिज कोर्स
इन स्कूलों में चुनिंदा बच्चों को आसानी से ढलने के लिए व्यक्तिगत तौर पर उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए ब्रिज कोर्स भी होगा। इस कोर्स की फीस सालाना फीस की 10% होगी। ये खर्च भी सरकार उठाएगी।
इस ब्रिज कोर्स से स्टूडेंट को कितना फायदा मिल रहा है, मंत्रालय इसकी रेगुलर मॉनिटरिंग करेगा। स्कीम के दूसरे चरण के तहत NGO के द्वारा चलाए जा रहे ऐसे रेजिडेंशियल स्कूलों को शामिल किया जाएगा जहां 12वीं तक पढ़ाई होती हो।