अयोध्या में 11-13 जनवरी 2025 को होने वाला रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का उत्सव विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। इस तीन दिवसीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं को धार्मिक अनुभव के साथ-साथ राम मंदिर के ऐतिहासिक और दिव्य वातावरण का अनुभव मिलेगा।
मुख्य बिंदु:
- उत्सव का महत्व:
- यह उत्सव राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के एक साल पूरे होने के अवसर पर मनाया जा रहा है।
- इस उत्सव में देशभर से श्रद्धालु और संत शामिल होंगे, और यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो पिछले साल के ऐतिहासिक समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे।
- कार्यक्रम और गतिविधियां:
- उत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम, यज्ञ, और राम कथा सत्र आयोजित किए जाएंगे।
- श्रद्धालुओं को रामचरितमानस पर प्रवचन और शास्त्रीय सांस्कृतिक प्रदर्शनों का अवसर मिलेगा।
- प्रात:काल प्रसाद वितरण भी किया जाएगा।
- अंगद टीला स्थल पर एक जर्मन हैंगर टेंट लगाया गया है, जिसमें 5,000 लोग एक साथ बैठ सकेंगे।
- वीआईपी और विशेष मेहमान:
- कार्यक्रम में 110 वीआईपी मेहमान शामिल होंगे, जिनमें कई लोग पिछले साल के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में भाग नहीं ले पाए थे।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 जनवरी को रामलला का अभिषेक करेंगे, जो इस आयोजन को और भी खास बना देगा।
- सांस्कृतिक और धार्मिक अनुभव:
- इस अवसर पर श्रद्धालु न केवल मंदिर के दिव्य दर्शन करेंगे, बल्कि उन्हें एक आध्यात्मिक अनुभव भी मिलेगा।
- आयोजन में शामिल होने से भक्तों को अयोध्या के ऐतिहासिक महत्व का गहरा आभास होगा, और वे भगवान राम के स्वरूप का दर्शन कर सकेंगे।
पिछले साल का ऐतिहासिक पल:
- 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक क्षण अयोध्या के राम मंदिर में हुआ था, जो लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक अभूतपूर्व अनुभव था।
यह उत्सव राम मंदिर के प्रति श्रद्धा और भक्ति को प्रगाढ़ करेगा। अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का महत्वपूर्ण क्षण भी है। इस उत्सव में शामिल होकर भक्तों को एक अनमोल आध्यात्मिक अनुभव मिलेगा।