वाराणसी में चल रहे ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे पर तुरंत रोक लगाने की माँग को लेकर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी फिर से कोर्ट पहुँच गई है। मस्जिद कमिटी ने जिला जज की कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए हस्तक्षेप की माँग की और कहा है कि मुकदमे के वादी पक्ष (पूजा की माँग को लेकर कोर्ट पहुँचने वाली महिलाओं के पक्ष) ने एएसआई की सर्वे टीम का खर्चा पानी नहीं दिया है। इसलिए अब सर्वे पर रोक लगाई जाए।
अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी वही पक्ष है, जो ज्ञानवापी की देखदेख करती है। इस बीच, बुधवार (9 अगस्त 2023) को ज्ञानवापी सर्वे के मीडिया कवरेज पर कोर्ट ने रोक लगा दी। ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे पर तुरंत रोक लगाने की माँग वाली रिपोर्ट लाइव लॉ ने प्रकाशित की है।
अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी ने अपनी याचिका में 21 जुलाई 2023 के कोर्ट के आदेश को आधार बनाया है, जिसमें कहा गया था कि एएसआई की सर्वे टीम का खर्च शिकायती पक्ष उठाएगा। यहाँ शृंगार गौरी की पूजा अर्चना को लेकर केस दायर किया गया था, जिसके बाद ज्ञानवापी का सर्वे शुरू हुआ। अब अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी ने कहा है कि जनरल सिविल रूल के नियम 70 के तहत एएसआई की टीम का खर्च नहीं दिया गया है, ऐसे में तुरंत सर्वे को रोकने का आदेश जारी किया जाए।
बता दें कि 9 अगस्त को वाराणसी कोर्ट ने आदेश दिया है कि ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे की ऑन स्पॉट मीडिया कवरेज नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने सर्वे टीम के सदस्यों को भी निर्देश दिया है कि वो सर्वे से जुड़ी कोई भी जानकारी मीडिया के साथ साझा न करें। जिजा जज एके विश्वेश ने ज्ञानवापी मैनेजमेंट कमिटी की याचिका पर सुनवाई के बाद ये आदेश दिया है। कमिटी ने एएसआई सर्वे की मीडिया कवरेज पर लोग लगाने की माँग की थी।
इस मामले में हिंदू पक्ष के एक वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि कोर्ट ने आदेश दिया है कि सर्वे वाली जगह की ऑन स्पॉट रिपोर्टिंग नहीं होनी चाहिए, साथ ही सर्वे की टीम के सदस्य भी मीडिया से बातचीत न करें। इससे जुड़ी कोई भी जानकारी सोशल मीडिया पर भी शेयर न की जाए, क्योंकि इससे शांति व्यवस्था के भंग होने का खतरा है। मदन मोहन यादव इस मामले की सुनवाई के समय कोर्ट में मौजूद थे।