अहमदाबाद विमान हादसे की जांच में बड़ा खुलासा
अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के विमान हादसे की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच कर रही टीम ने पाया है कि हादसे के समय प्लेन का इमरजेंसी पावर सिस्टम (RAT – Ram Air Turbine) सक्रिय था, जिससे यह आशंका और गहरी हो गई है कि कहीं विमान के दोनों इंजन टेक-ऑफ के दौरान ही फेल तो नहीं हो गए थे। इस खुलासे को वॉल स्ट्रीट जर्नल ने जांच टीम के हवाले से रिपोर्ट किया है। हादसे में करीब 270 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे, जबकि बाकी आसपास मौजूद लोग और मेडिकल छात्र थे।
विमान में मौजूद आपातकालीन पावर सिस्टम यानी RAT, केवल तभी सक्रिय होता है जब दोनों इंजन काम करना बंद कर देते हैं या विमान का हाइड्रोलिक प्रेशर और विद्युत आपूर्ति ठप हो जाती है। यह सिस्टम एक बैकअप जनरेटर की तरह कार्य करता है और विमान के महत्वपूर्ण नियंत्रणों को सीमित समय के लिए बिजली और दबाव प्रदान करता है। एयर कमोडोर ए.एस. बहल के मुताबिक, यह सिस्टम अपने आप सक्रिय होता है या पायलट इसे मैन्युअली भी ऑन कर सकता है।
इस मामले में एक चश्मदीद और जीवित बचे यात्री विश्वास कुमार रमेश के बयान से भी संकेत मिलता है कि टेक-ऑफ के बाद कुछ गंभीर गड़बड़ी हुई थी। उनके अनुसार, विमान ने उड़ान भरी लेकिन बीच में वह “रुक सा गया”, फिर जोर की आवाजें आने लगीं और विमान नीचे गिरता चला गया। जब विमान क्रैश हुआ, उस समय उसके पहिए ऊपर नहीं किए गए थे, जबकि टेक-ऑफ के तुरंत बाद ऐसा कर लिया जाता है। इससे यह संकेत मिलता है कि उड़ान के तुरंत बाद ही कोई गंभीर तकनीकी खामी आई थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि विमान के आगे खुला मैदान होता, तो शायद पायलट किसी तरह से आपात लैंडिंग कर पाता और इतना बड़ा हादसा टल सकता था। एयर कमोडोर के अनुसार, हालांकि RAT सक्रिय हो गया था, लेकिन वह इतना ताकतवर नहीं होता कि वह पूरे बोइंग 787 जैसे बड़े विमान को उड़ाए रख सके। उनका कहना है कि पायलट अंत तक विमान को संभालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन अंत में दुर्घटना हो गई।
गौरतलब है कि यह विमान बहुत ही एडवांस इंजन से लैस था, और यह एक इंजन पर भी उड़ान भर सकता है। फिर भी यह सवाल बना हुआ है कि अगर एक भी इंजन चालू होता, तो RAT को ऑन होने की ज़रूरत नहीं पड़ती। इसके अलावा, यह भी सामने आया है कि बोइंग के कुछ अधिकारियों ने पहले ही इस विमान को लेकर चिंता जताई थी और कंपनी से कहा था कि निर्माण में कोई “शॉर्टकट” न लिया जाए।
हादसे के दौरान विमान ने टेक-ऑफ के 50 सेकंड के भीतर 625 फीट की ऊंचाई तो पा ली थी, लेकिन उसी दौरान उसका लोकेशन डाटा ट्रांसमिट होना बंद हो गया और ‘MayDay’ कॉल के बाद कॉकपिट से संपर्क पूरी तरह टूट गया।
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