बाजार में बिकने वाली खाद्य पदार्थ, सौन्दर्य प्रसाधन एवं दवा सामग्री पर हलाल का प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा था। गत शुक्रवार को इस मामले में लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई। अब खाद्य एवं औषधि निरीक्षक नियमित जांच करेंगे। यह अभियान आज से शुरू होगा। विभाग के निरीक्षक, उत्पाद की गुणवत्ता एवं हलाल प्रमाण पत्र के मामले की जांच करेंगे। विभाग की तरफ से छापेमारी का अभियान चलाया जाएगा। चेकिंग के दौरान यह देखा जाएगा कि पैकेट पर हलाल संबंधी मुहर तो नहीं लगाई गई है। अगर किसी पैकेट पर अनावश्यक रूप से हलाल लिखा पाया गया तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मजहब की आड़ लेकर एक समुदाय विशेष को बरगलाने और अन्य धर्मों के बीच विद्वेष भड़काने की इस कोशिश का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है और कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। यह भी माना जा रहा है कि कूटरचित दस्तावेजों का सहारा लेकर हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर इकट्ठा हो रही अवैध कमाई से आतंकवादी संगठनों व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की फंडिंग की जा रही है। हजरतगंज थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुम्बई आदि द्वारा एक धर्म विशेष के ग्राहकों को मजहब के नाम से कुछ उत्पादों पर हलाल प्रमाण पत्र प्रदान कर उनकी ब्रिकी बढ़ाने के लिए आर्थिक लाभ लेकर अवैध कारोबार चलाया जा रहा है। इन कंपनियों के पास किसी उत्पाद को प्रमाण पत्र देने का कोई अधिकार नहीं है।
उक्त कम्पनियों द्वारा कूटरचित प्रमाण पत्र तैयार कर आर्थिक लाभ लेकर विभिन्न कम्पनियों को हलाल प्रमाण पत्र निर्गत किया जा रहा है। यह सामाजिक विद्वेष बढ़ाने वाला तो है ही जनआस्था के साथ छल है। शिकायतकर्ता ने इसे बड़ी साजिश की आशंका जताते हुए कहा है कि जिन कम्पनियों ने ऐसा हलाल प्रमाण पत्र इनसे नहीं प्राप्त किया है, उनके उत्पादन की बिक्री को घटाने का प्रयास भी किया जा रहा है, जो कि आपराधिक कृत्य है। आशंका है कि इस अनुचित लाभ को समाज विरोधी एवं राष्ट्र विरोधी तत्वों को पहुंचाया जा रहा है। खास बात यह कि शाकाहारी उत्पादों जैसे तेल, साबुन, टूथपेस्ट, मधु आदि की बिक्री के लिए भी हलाल प्रमाण पत्र दिया जा रहा है, जबकि शाकाहारी वस्तुओं पर ऐसे किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती है। जाहिर है कि एक समुदाय विशेष एवं उनके उत्पादों के विरुद्ध आपराधिक षड्यंत्र किया जा रहा है।