भारतीय वायुसेना के एक जवान के हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए एयरफोर्स ने जीवित मानव दिल को एयरलिफ्ट के जरिए 26 जुलाई को नागपुर से पुणे पहुंचाया। इसके लिए एक ग्रीन कोरिडोर बनाया गया। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस बाबत रक्षा विज्ञप्ति में बताया गया कि एयरलिफ्ट के जरिए मानव हृदय को भारतीय वायु सेना के एएन-32 विमान से नागपुर से पुणे पहुंचाया गया। इस कारण यहां नागरिक प्रशासन द्वारा ग्रीन कोरिडोर बनाया गया ताकि मानव हृदय को भेजा जा सके।
#AICTS, #Pune performs another successful #hearttransplant. Donor, a homemaker & it was retrived from #Wockhardt Heart Hospital, #Nagpur. Receipent is a 39yrs #IAF Air Warrior.
Green corridor provided by @IAF_MCC, Traffic Police #Nagpur & Pune & #SC Provost Unit#WeCare pic.twitter.com/xlxfygq2j4
— Southern Command INDIAN ARMY (@IaSouthern) July 26, 2023
ब्रेन डेड महिला के दिल को किया गया डोनेट
वायुसेना के जवान के में जो हार्ट ट्रांसप्लांट किया जा रहा है वह एक ब्रेन डेड महिला का है। एयरफोर्स के विमान को उड़ान भरने में कुल 90 मिनट का समय लगा। प्रेस विज्ञप्ति के मातुबाकि दिल की डोनर महिला का नाम शुभांगी गण्यारपवार था जो कि 31 वर्यीय हैं। जानकारी के मुताबिक शुभांगी अपने पति और बेटी के साथ रहती थी। सिर में गंभीर सिरदर्द के बाद 20 जुलाई को नागपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां महिला को डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद महिला के परिजनों ने यानी शुभांगी के पति और भाई की सहमति से शुभागी के हृदय, लीवर और दो किडनी चार लोगों को दान कर दी गई।
#SavingLives#HarKaamDeshKeNaam
A live human heart was airlifted in an #IAF AN-32 aircraft from Nagpur to Pune this morning to be transplanted in a recipient admitted in the Army Institute of Cardio Thoracic Sciences. (1/2) pic.twitter.com/sEej727zxy
— CAC, IAF (@CAC_CPRO) July 26, 2023
ग्रीन कॉरिडोर के जरिए लाया गया हृदय
इस बाबत दक्षिणी कमान ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ग्रीन कॉरिडोर आईएएफ ट्रैफिक पुलिस नागपुर और पुणे और एससी प्रोवोस्ट यूनिट की ओर से प्रदान किया गया। बता दें कि ट्रांसप्लांट के लिए मानव अंगों को तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया जा सके। इस कारण ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाता है। इस दौरान ट्रैफिक विभाग द्वारा खास प्रबंधन किया जाता है जिसके जरिए जल्द से जल्द गंतव्य तक पहुंचा जा सके।