दिल्ली-एनसीआर में बुधवार तगड़े कई जगहों पर हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग ने आज और कल राजस्थान, गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। आज बिहार, झारखंड और ओडिशा में भी तेज बारिश हो सकती है। अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय,नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 28 अगस्त से दो सितंबर तक बारिश हो सकती है।
यहां पर होगी हल्की बारिश
मौसम विभाग की तरफ से दी गई सूचना के अनुसार, जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश में छिटपुट बारिश हो सकती है।
दिल्ली में येलो अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने बुधवार को दिल्ली के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। आईएमडी ने बुधवार को बादल छाए रहने और मध्यम बारिश की संभावना जताई है। अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना जताई है।
आईएमडी ने बताया कि दिल्ली में इस साल अगस्त में 23 दिन तक बारिश हुई और इस महीने पिछले 14 वर्षों में सबसे अधिक बारिश वाले दिन रहे। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले सर्वाधिक बारिश 2012 में 22 दिन और उसके बाद 2011 में 20 दिन हुई थी। आईएमडी ने कहा कि इसके अतिरिक्त इस वर्ष अगस्त राष्ट्रीय राजधानी के लिए सबसे अधिक वर्षा वाला महीना भी रहा है जहां अब तक 291.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
हिमाचल में बारिश के कारण 126 सड़कें बंद
हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में मंगलवार को बारिश हुई जिससे राज्यभर में 85 और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई और राजधानी शिमला में कई पेड़ गिर गए। राज्य में अब तक 126 रोड बंद हैं। स्थानीय मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए राज्य में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने का पूर्वानुमान जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है।
गुजरात के कई जिलों में बाढ़, 7 लोगों की मौत
गुजरात के विभिन्न हिस्सों में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई। विभिन्न जिलों में प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव अभियान चलाकर 15,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और 300 से अधिक लोगों को बचाया गया। अधिकारियों ने बताया कि गुजरात में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन भारी बारिश का दौर जारी रहा, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और निचले इलाकों में बाढ़ आ गई। उन्होंने बताया कि लगातार बारिश के कारण बांधों और नदियों का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर 15 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है।