यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) के वार्ता समर्थक गुट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में केंद्र और असम सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
दशकों पुराने उग्रवाद के खत्म होने की उम्मीद
अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मौजूदगी में हस्ताक्षरित समझौता, अरबिंद राजखोवा के नेतृत्व वाले उल्फा गुट और सरकार के बीच 12 साल की बिना शर्त बातचीत के बाद हुआ है। इस शांति समझौते से असम में दशकों पुराने उग्रवाद के खत्म होने की उम्मीद है।
#WATCH | Delhi: United Liberation Front of Assam (ULFA)’s pro-talks faction signed a tripartite Memorandum of Settlement with the Centre and the Assam government in the presence of Union Home Minister Amit Shah. pic.twitter.com/NRouYpTbxV
— ANI (@ANI) December 29, 2023
अमित शाह ने दिया बयान
इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “यह मेरे लिए खुशी की बात है कि आज का दिन असम के भविष्य के लिए एक उज्ज्वल दिन है। लंबे समय तक, असम और पूर्वोत्तर को हिंसा का सामना करना पड़ा और 2014 में पीएम मोदी के पीएम बनने के बाद, दिल्ली और पूर्वोत्तर के बीच अंतर को कम करने के प्रयास किए गए।”
#WATCH | On United Liberation Front of Assam (ULFA)’s signing a tripartite Memorandum of Settlement with the Centre and the Assam government, Union Home Minister Amit Shah says, "It is a matter of joy for me that today is a bright day for the future of Assam. For a long time,… pic.twitter.com/JtgBDjjL5n
— ANI (@ANI) December 29, 2023
पीएम मोदी और अमित शाह का जताया आभार
वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, “आज असम के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में असम की शांति प्रक्रिया निरंतर जारी है। तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं और तीन समझौतों के साथ असम में आदिवासी उग्रवाद समाप्त हो गया है।”
#WATCH | Assam CM Himanta Biswa Sarma says, " Today is a historic day for Assam. During PM Modi's tenure, under the guidance of Union Home Minister Amit Shah, work for Assam's peace was always underway…three accords have been signed and with three accords tribal militancy has… https://t.co/8Dh0w36tAM pic.twitter.com/vwuPqhqj00
— ANI (@ANI) December 29, 2023
1990 में किया गया प्रतिबंधित
हालांकि, परेश बरुआ की अध्यक्षता वाला उल्फा का कट्टरपंथी गुट इस समझौते का हिस्सा नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि बरुआ चीन-म्यांमार सीमा के पास रहता है। उल्फा का गठन 1979 में संप्रभु असम की मांग के साथ किया गया था। इसके बाद से यह कई विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहा है, जिसके कारण केंद्र सरकार ने 1990 में इसे प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया।