कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर को जनता के लिए खोले जाने के बाद से संभल में मंदिर के अवशेष और कुएं मिलने की प्रक्रिया जारी है। ताजा जानकारी के अनुसार, गुरुवार को खुदाई के दौरान एक और कुंआ मिला है। यह कुंआ जामा मस्जिद से करीब 300-400 मीटर की दूरी पर मिला। यह कूप संभल सदर के सरथल चौकी इलाके में मिला है।
कुएं की खुदाई का काम जारी
बताया जा रहा है कि यह कुंआ हिंदू आबादी में मिला में मिला है। नगर पालिका की टीम कूप के ऊपर से मिट्टी हटाने का कार्य कर रही है। मिट्टी हटाने के बाद कूप की खुदाई का कार्य होगा। यहां पर मलबा पड़ा हुआ है। जिसके बारे में लोगों ने दावा किया है कि इसके नीचे मंदिर हो सकता है। कुछ लोगों का दावा है कि यहां पर मंदिर के अवशेष भी नजर आ रहे हैं।
#WATCH | Sambhal, UP | The Archaeological Survey of India (ASI) team inspects Rani Surendra Bala 'Baori' during excavation work. pic.twitter.com/9bZJt4itje
— ANI (@ANI) December 26, 2024
स्थानीय लोगों का दावा- पुराणों में भी इस कूएं का है वर्णन
जामा मस्जिद के पास मिले कुएं को स्थानीय निवासियों ने ऐतिहासिक बताया है। एक स्थानीय नागरिक ने दावा कि इसी कूप में स्नान करके लोग पहले हरिहर मंदिर में पूजा करने जाते थे। स्थानीय लोगों ने यह भी दावा किया कि इस कूप का पुराणों में भी वर्णन है। एक शख्स ने कहा कि 20 साल पहले इस कूएं में पानी था। इस कूप के पास मृत्युंजय महादेव मंदिर भी था। यह 19 कूप में से एक मृत्यु कूप है। जिसकी आज खुदाई चल रही है।
संभल में मिले हैं पुराने मंदिर और ‘बावली’
बता दें कि 14 दिसंबर को जिला पुलिस और प्रशासन द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक मंदिर को खोजा गया था। स्थानीय लोगों का दावा है कि यह मंदिर 1978 से बंद था। वहीं 22 दिसंबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की एक टीम ने चंदौसी में एक सदियों पुरानी बावड़ी का पता लगाया। यह खोज शिव-हनुमान मंदिर के दोबारा खुलने के बाद हुई।
जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि 400 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली एक ‘बावली’ (बावड़ी) का पता लगाया गया। उन्होंने कहा कि लगभग चार कक्षों वाली इस संरचना में संगमरमर और ईंटों से बने फर्श शामिल हैं। कहा जाता है कि बावली का निर्माण बिलारी के राजा के दादा के समय में किया गया था।