भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ताज़ा मौद्रिक नीति घोषणा से आम जनता को राहत मिली है। RBI ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट (0.25%) की कटौती कर दी है, जिससे अब यह घटकर 6% पर आ गया है। इससे न सिर्फ होम और कार लोन सस्ते होंगे, बल्कि ईएमआई (EMI) में भी राहत मिलेगी।
#WATCH | Mumbai | RBI Governor Sanjay Malhotra says, " The MPC (Monetary Policy Committee) voted unanimously to reduce the policy repo rate by 25 basis points to 6 % per cent with immediate effect."
(Source: RBI) pic.twitter.com/rRVCJiTy0H
— ANI (@ANI) April 9, 2025
मुख्य बातें एक नजर में:
रेपो रेट में कटौती
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पुराना रेपो रेट: 6.25%
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नया रेपो रेट: 6.00%
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यह मई 2020 के बाद लगातार दूसरी कटौती है।
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RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने तीन दिन की बैठक के बाद यह निर्णय लिया।
#WATCH | Mumbai | RBI Governor Sanjay Malhotra says, "…Real GDP is now projected for this fiscal 2025-26 at 6.5 per cent, with Q1 at 6.5%, Q2 at 6.7 %, Q3 at 6.6%, and Q4 at 6.3%. While the risks are evenly balanced around these baseline projections, uncertainties remain high… pic.twitter.com/zloJUqnsCh
— ANI (@ANI) April 9, 2025
होम लोन की EMI में कितनी राहत?
लोन राशि | टेन्योर (वर्ष) | मौजूदा ब्याज दर | नई ब्याज दर | वर्तमान EMI | नई EMI | बचत |
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₹50 लाख | 20 साल | 8.25% | 8.00% | ₹42,603 | ₹41,822 | ₹781 |
₹40 लाख | 20 साल | 8.25% | 8.00% | ₹34,083 | ₹33,458 | ₹625 |
महंगाई और आर्थिक स्थिति
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महंगाई में कमी दर्ज की गई है, जिससे RBI को यह कटौती करने की गुंजाइश मिली।
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MPC के सभी सदस्यों ने माना कि महंगाई अब RBI के लक्ष्य के भीतर है।
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पॉलिसी स्टांस को ‘न्यूट्रल’ से बदलकर ‘अकोमोडेटिव’ कर दिया गया है – यानी भविष्य में और कटौती संभव।
#WATCH | Mumbai | RBI Governor Sanjay Malhotra says, "…The headline inflation moderated during January-February 2025. Following a sharp correction in food inflation, the outlook for food inflation has turned decisively positive…CPI inflation for the financial year 2025-26 is… pic.twitter.com/KtiESM6RCf
— ANI (@ANI) April 9, 2025
वैश्विक स्थिति और भारत की अर्थव्यवस्था
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RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा:
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ग्लोबल माहौल अनिश्चित, लेकिन भारत की स्थिति मजबूत।
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टैरिफ बढ़ने से भारत के निर्यात (Exports) को नुकसान।
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भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
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बैंकिंग सिस्टम भी मजबूत स्थिति में है।
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बावजूद इसके, GDP ग्रोथ अनुमान को 6.7% से घटाकर 6.5% कर दिया गया है।