गृह मंत्री अमित शाह द्वारा गुजरात के धरमपुर स्थित श्रीमद् राजचंद्र आश्रम का दौरा और श्रीमद् राजचंद्रजी की विराट प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और सांस्कृतिक घटना है। यह आयोजन भारत की प्राचीन परंपराओं और आध्यात्मिक विरासत को सम्मानित करने के साथ-साथ समाज में सेवा और करुणा के महत्व को रेखांकित करता है।
कार्यक्रम की मुख्य बातें:
- महामस्तकाभिषेक:
- अमित शाह ने श्रीमद् राजचंद्रजी की प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक किया।
- उन्होंने इसे आनंद और शांति की अनुभूति का अवसर बताया और श्रीमद् राजचंद्रजी की आध्यात्मिक विरासत की प्रशंसा की।
- गुरुदेव राकेशजी की सराहना:
- गृह मंत्री ने गुरुदेव राकेशजी के नेतृत्व में श्रीमद् राजचंद्र मिशन की समाजसेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सेवा कार्यों को उत्कृष्ट बताया।
- मिशन भारतीय मूल्यों को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
- ‘श्रीमद् राजचंद्र अहिंसा केंद्र’:
- अमित शाह ने इस केंद्र की आधारशिला रखी, जो सहानुभूति, प्रेम, और करुणा के विकास के लिए समर्पित है।
- दिव्य जिनमंदिर में प्रार्थना:
- अमित शाह ने जिनमंदिर में पवित्र अनुष्ठानों में भाग लिया और प्रार्थना की।
- उपस्थित गणमान्य:
- इस मौके पर गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई, गृह मंत्री हर्ष सांघवी, और वलसाड के सांसद धवलभाई पटेल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अमित शाह के विचार:
- श्रीमद् राजचंद्रजी ने समाज के बीच रहकर मोक्ष का मार्ग प्रशस्त किया, जो उनकी महान सेवा है।
- मिशन की गतिविधियों और इसकी प्रतिबद्धता ने समाज के विकास में नया आयाम जोड़ा है।
गुरुदेव राकेशजी के विचार:
- मिशन भारत सरकार के साथ मिलकर समाज के उत्थान में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
- मिशन का उद्देश्य 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करना है।
सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व:
- यह आयोजन भारतीय संस्कृति, अहिंसा, और सेवा के आदर्शों को बढ़ावा देने का एक प्रेरणादायक उदाहरण है।
- श्रीमद् राजचंद्र मिशन जैसे संगठनों का योगदान समाज के आध्यात्मिक और भौतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस प्रकार, यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा देता है, बल्कि समाज में सेवा और करुणा के मूल्यों को स्थापित करने का भी प्रयास करता है।