भारत में 5 रुपये में बिकने वाला Parle-G बिस्किट ग़ाज़ा में 2,400 रुपये तक में बिक रहा है — यह खबर न केवल हैरान करने वाली है, बल्कि वहां की भयावह मानवीय स्थिति को भी उजागर करती है।
इजरायल-ग़ाज़ा संघर्ष के चलते अक्टूबर 2023 से ग़ाज़ा में हालात बेहद खराब हो गए हैं। खाने-पीने की चीज़ें वहां लगभग नामुमकिन तरीके से पहुंच रही हैं। मार्च से मई 2025 के बीच ग़ाज़ा लगभग पूरी तरह से नाकेबंदी झेल रहा था। मानवीय सहायता के कुछ ट्रक भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद ही भीतर जा सके।
इस संकट के चलते ग़ाज़ा में ज़रूरी चीज़ों की कीमतें आसमान छू रही हैं। यही कारण है कि Parle-G जैसे सामान्य बिस्किट, जो भारत में बच्चों की मुस्कान की वजह होते हैं, वहां 2400 रुपये (या करीब 24 यूरो) तक में बिक रहे हैं। ग़ाज़ा के एक स्थानीय सर्जन डॉ. खालिद अलशवा ने बताया कि ये बिस्किट मानवीय सहायता के ज़रिए पहुंचे होंगे, लेकिन सीमित आपूर्ति के कारण उनकी कालाबाज़ारी शुरू हो गई है। खुद उन्होंने भी यह बिस्किट करीब 240 रुपये में खरीदा।
यह सिर्फ बिस्किट तक सीमित नहीं है। 6 जून 2025 तक ग़ाज़ा में कुछ जरूरी चीजों के दाम (भारतीय रुपये में) इस प्रकार हैं:
- 1 किलो चीनी: ₹4,914
- 1 लीटर खाना पकाने का तेल: ₹4,177
- 1 किलो आलू: ₹1,965
- 1 किलो प्याज: ₹4,423
- 1 कप कॉफी: ₹1,800
इन कीमतों से यह साफ है कि ग़ाज़ा में जिंदगी एक विकट संघर्ष बन चुकी है। कालाबाजारी, सीमित सप्लाई और लूटपाट जैसे हालात ने वहां के आम लोगों को मानवीय संकट में धकेल दिया है।
यह एक दुखद स्थिति है, जो दुनिया को यह सोचने पर मजबूर करती है कि जब मदद पहुंचती भी है, तो क्या वह सही हाथों तक पहुंच पा रही है?