पिछले साल से अब हालात बेहतर
जयशंकर ने कहा, “पिछले साल की तुलना में अब चीजें बेहतर हैं. खासकर देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी बहुत अहम थी.” पिछले साल अक्टूबर में भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के इन दो टकराव बिंदुओं पर समझौता किया था. इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कजान में मुलाकात की और रिश्ते सुधारने के लिए कई कदमों पर सहमति जताई.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार, 9 अप्रैल 2025 को ‘राइजिंग भारत समिट’ में कहा कि भारत और चीन के संबंध अब ‘सकारात्मक दिशा’ में बढ़ रहे हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्ते 1962 के युद्ध के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे, लेकिन अब स्थितियों में सुधार हो रहा है।
जयशंकर ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान सीधी उड़ानें और कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद हो गई थीं, जो अब तक फिर से शुरू नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा, “इन चीजों पर काम करना बाकी है, और हम इस पर प्रयास कर रहे हैं।”
हालांकि, सीमा पर पूरी तरह शांति बहाल होने में अभी वक्त लग सकता है। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत इस दिशा में लगातार काम कर रहा है, ताकि रिश्ते पहले जैसे सामान्य हो सकें। उन्होंने कहा कि भारत और चीन अब टकराव के बजाय सहयोग की राह पर चलना चाहते हैं। आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच और बातचीत होगी, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि रिश्तों में कितना सुधार हो रहा है।