अयोध्या में दिव्य राम दरबार: पहली तस्वीर आई सामने, भव्यता देख भाव-विभोर हुए श्रद्धालु
5 जून 2025 को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में “राम दरबार” की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई। अब भगवान राम केवल “रामलला” के रूप में नहीं, बल्कि राजा राम के रूप में दरबार सहित विराजमान हो चुके हैं। यह आयोजन मंदिर परिसर के पहले तल पर हुआ, जहां श्रद्धालुओं को अब दिव्य और भव्य राम दरबार के दर्शन मिल रहे हैं।
राम दरबार की पहली झलक:
तस्वीरों में भगवान राम मध्य में राजा के रूप में आसीन हैं, उनके दाईं ओर माता सीता और बाईं ओर भ्राता लक्ष्मण हैं।
भगवान राम के साथ भरत, शत्रुघ्न और परम भक्त हनुमान जी भी दरबार की शोभा बढ़ा रहे हैं।
सभी विग्रह बेहद सूक्ष्म नक्काशी, आभूषणों, शाही वस्त्रों और स्वर्ण सिंहासनों से सुसज्जित हैं।
मंदिर की दीवारें वैदिक चित्रकला और रामायण प्रसंगों से सजी हैं, जिससे पूरे कक्ष में दिव्यता और भक्ति का वातावरण बना हुआ है।
#WATCH Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath attends Pran Prathishtha rituals of Ram Darbar at Shri Ram Janmabhoomi Temple in Ayodhya pic.twitter.com/RIvMQ3f1gf
— ANI (@ANI) June 5, 2025
पूरे आयोजन की विशेषताएं:
- प्राण प्रतिष्ठा के लिए अभिजीत मुहूर्त (11:25 AM – 11:40 AM) चुना गया, क्योंकि मान्यता है कि भगवान राम का जन्म भी इसी मुहूर्त में हुआ था।
- 101 विद्वान आचार्यों ने वैदिक मंत्रों और अनुष्ठानों के माध्यम से प्राण प्रतिष्ठा संपन्न कराई।
- 3 और 4 जून को मंदिर परिसर में 12 घंटे तक हनुमान चालीसा, राम रक्षा स्तोत्र, होम-हवन, और भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ।
मुख्य अतिथि और जन सहभागिता:
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं कार्यक्रम में उपस्थित रहे और राम दरबार के दर्शन किए।
- पूरा आयोजन भव्य पालकी यात्रा, मंदिरों में मूर्ति स्थापना, और नगर भ्रमण परंपरा से जुड़ा रहा।
राम दरबार की दिव्यता का महत्व:
राम दरबार सिर्फ मूर्तियों का समागम नहीं, बल्कि मर्यादा, भक्ति, और धर्मराज्य की प्रतिष्ठा है। इसमें:
- राम – आदर्श राजा,
- सीता – आदर्श पतिव्रता स्त्री,
- लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न – आज्ञाकारी भाई,
- हनुमान – समर्पण और शक्ति के प्रतीक हैं।