पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) ने ‘पत्रकार’ सागरिका घोष को राज्यसभा सांसद बनाए जाने की घोषणा की है। सागरिका घोष जहाँ ‘टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI)’ में लिखती हैं, वहीं उनके पति राजदीप सरदेसाई ‘इंडिया टुडे’ में काम करते हैं। राज्यसभा नॉमिनेशन के बाद पति-पत्नी का दोहरा रवैया भी सामने आया है। जहाँ राजदीप सरदेसाई कहते थे कि राज्यसभा सीट बिकती है, सागरिका घोष का कहना था कि वो कभी ऐसा ऑफर स्वीकार नहीं करेंगी।
सागरिका घोष ने इंदिरा गाँधी पर एक किताब लिख रखी है। मार्च 2018 में उनकी इस अंग्रेजी किताब का हिन्दू अनुवाद ‘इंदिरा: भारत की सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री’ Amazon पर लिस्ट हुई थी। उन्होंने जब इस बारे में ट्वीट किया तो अजय खंडेलवाल नामक एक शख्स ने तंज कसा कि सागरिका घोष को राज्यसभा टिकट नहीं दिया गया। इस पर जवाब देते हुए सागरिका ने लिखा, “हाहा! मैं कभी कोई RS टिकट, PS टिकट या CS टिकट किसी भी राजनीतिक पार्टी से स्वीकार नहीं करूँगी सर।”
haha! I will never accept any RS ticket or PS ticket or CS ticket from any political party, sir. That I can give you in writing and you can save this tweet 😁 https://t.co/rfOdplpA2t
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) March 13, 2018
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने रविवार (11 फरवरी) को सागरिका घोष को 27 फरवरी को होने वाले आगामी चुनावों के लिए राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में नामित किया. टीएमसी की घोषणा के बाद घोष खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि वह टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के साहस से प्रेरित हैं. इस बीच घोष का एक पुराना पोस्ट सामने आया. यह पोस्ट 6 साल पुराना है.
इस पोस्ट में उन्होंने किसी भी पार्टी की ओर से राज्यसभा टिकट को स्वीकार न करने की बात कही थी. उन्होंने पोस्ट में कहा, “मैं किसी भी राजनीतिक दल से कभी भी राज्यसभा का टिकट स्वीकार नहीं करूंगी. मैं आपको लिखित रूप में दे सकती हूं और आप इस पोस्ट को सेव कर सकते हैं.”
वहीं राजदीप सरदेसाई का एक अन्य वीडियो भी सामने आया है जिसमें वो कहते दिख रहे हैं कि एक जमाने में राज्यसभा की अहमियत हुआ करती थी, लेकिन अब नरेंद्र मोदी के काल में तो संसद की ही कोई अहमियत नहीं रह गई है। उन्होंने कहा था कि उन्हें ये समझ ही नहीं आता है कि लोग राज्यसभा जाना क्यों चाहते हैं। अगस्त 2010 में CNN-IBN में काम करने के दौरान राजदीप सरदेसाई ने ‘खुलासा’ चलाया था कि राज्यसभा के टिकट बिक रहे हैं।
राजदीप- लोग राज्य सभा जाना क्यों चाहते हैं?
“नरेंद्र मोदी काल में पार्लियामेंट की अहमियत नहीं”
फिर सागारिका को राज्य सभा क्यों भेज रहे हो @sardesairajdeep ? pic.twitter.com/vKPKiTZKnA
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) February 11, 2024
सागरिका घोष के पति राजदीप सरदेसाई को ‘रसगुल्ला पत्रकारिता’ के लिए भी जाना जाता है, जिसका इनाम शायद उन्हें पत्नी की राज्यसभा सांसदी के रूप में मिला है। राजदीप ने एक प्रश्न के उत्तर में स्वीकार किया था कि अगर वे ममता बनर्जी से उनके राज्य में हो रही हिंसा पर कठिन प्रश्न पूछते तो उन्हें रसगुल्ले नहीं मिलते। पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा को लेकर राजदीप सरदेसाई ने सीएम ममता बनर्जी से कोई सवाल नहीं पूछा था, क्योंकि वो ‘चाय पर चर्चा’ के लिए गए थे और सवाल पूछने पर उन्हें रसगुल्ले नहीं मिलते।
कौन हैं सागरिका घोष?
घोष एक वरिष्ठ पत्रकार और लेखक हैं. उन्होंने नई दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में रोड्स स्कॉलर्शिप हासिल की. ऑक्सफोर्ड से उन्होंने आधुनिक इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. टीएमसी राज्यसभा उम्मीदवार ने 1991 में पत्रकारिता की शुरुआत की और द टाइम्स ऑफ इंडिया, आउटलुक और द इंडियन एक्सप्रेस न्यूज पेपर के लिए काम किया.
कई पुरस्कार जीते
अपने करियर की शुरुआत में घोष को पत्रकारिता में कई पुरस्कार मिले, जिनमें सीएच मोहम्मद कोया राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार और भारतीय टेलीविजन अकादमी का बेस्ट एंकर पुरस्कार शामिल है. वह दूरदर्शन के पूर्व महानिदेशक भास्कर घोष की बेटी हैं. घोष ने पत्रकार और न्यूज एंकर राजदीप सरदेसाई से शादी की है.