भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन (9-10 सितंबर) का सफल समापन हो गया। इसके साथ ही भारत ने रविवार को जी20 की अध्यक्षता ब्राजील को सौंप दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को गैवल (हथौड़ा) देते हुए जी20 अध्यक्षता सौंपने की आधिकारिक पुष्टि की।
भारत से जी 20 सम्मेलन लेने के बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा ने कहा, “अगले साल जी 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करना ब्राजील के लिए एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हम शिखर सम्मेलन के दौरान असमानता के मुद्दे को मुख्य मुद्दे के रूप में रखेंगे। स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन में ब्राजील में असाधारण क्षमता है। हम बहुपक्षीय संस्थानों के सुधार पर भी चर्चा करने जा रहे हैं। हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता पर भी चर्चा करना चाहते हैं।”
जी20 के सफल आयोजन को लेकर भारत की तारीफ
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने जी20 के सफल आयोजन को लेकर भारत की तारीफ की। उन्होंने कहा, “मैं शिखर सम्मेलन को असाधारण रूप से अच्छे ढंग से आयोजन करने के लिए भारत को बधाई देना चाहता हूं। हमें भारतीय लोगों से बहुत गर्मजोशी मिली है। ब्राजील के पास अगले साल जी20 का मेजबान देश बनने की स्थितियां हैं। हम चाहते हैं बड़ी संख्या में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए ब्राजील के कई शहरों का इस्तेमाल किया जाए।”
#WATCH | G 20 in India | President of Brazil, Luiz Inácio Lula da Silva says "It is a lot of responsibility for Brazil to host the G20 Summit next year. We will put the inequality issue as the core issue during the Summit. Another issue that we are going to discuss is the energy… pic.twitter.com/ruCau7aaHu
— ANI (@ANI) September 11, 2023
राष्ट्रपति पुतिन और शी जिनपिंग भारत क्यों नहीं आए!
उन्होंने आगे कहा, “मुझे इसका कारण नहीं पता कि राष्ट्रपति पुतिन और शी जिनपिंग भारत क्यों नहीं आए, लेकिन मैं उन्हें ब्राजील में आमंत्रित करूंगा और मुझे उम्मीद है कि वे ब्राजील आएंगे और शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। मुझे आशा है कि जब हम ब्राजील में शिखर सम्मेलन करेंगे, तो युद्ध (रूस-यूक्रेन युद्ध) समाप्त हो चुका होगा और हम सामान्य स्थिति में वापस आ जायेंगे।”
बता दें कि भारत की राजधानी दिल्ली में 9-10 सितंबर को 18वां जी20 शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया। भारत मंडपम में हुआ ये सम्मेलन ऐतिहासिक रहा और दुनियाभर में इसकी चर्चा हो रही है।