यह बयान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा INS विक्रांत से दिया गया सबसे शक्तिशाली और निर्णायक संदेशों में से एक है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी, भारतीय नौसेना की शक्ति, और आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति को स्पष्ट रूप से दुनिया के सामने रखा।
राजनाथ सिंह के INS विक्रांत से दिए गए बयान के मुख्य बिंदु
1. नेवी फॉर्म में आती तो पाकिस्तान के 4 टुकड़े हो जाते
“1971 में जब नेवी हरकत में आई थी, तो पाकिस्तान 1 से 2 हुआ। अगर ऑपरेशन सिंदूर में नेवी फॉर्मेशन में होती, तो पाकिस्तान के शायद 4 टुकड़े हो जाते।”
- यह बयान 1971 के युद्ध की याद दिलाता है, जिसमें पूर्वी पाकिस्तान अलग होकर बांग्लादेश बना।
- INS विक्रांत तब भी ऑपरेशन में था; इस बार भी उसका साइलेंट इंटिमिडेशन पाकिस्तान को डराने के लिए काफी था।
2. ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं, सिर्फ स्थगित है
“ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक मिलिट्री एक्शन नहीं है, यह आतंकवाद के खिलाफ भारत का फ्रंटल असॉल्ट है।”
- इसका मतलब है कि भारत अभी भी ऑफेंसिव मोड में है, और यह स्ट्राइक दोबारा हो सकती है अगर पाकिस्तान नापाक हरकतें दोहराता है।
3. साइलेंट सर्विस की धमक
“भारतीय नौसेना खामोश रहकर भी पाकिस्तानी सेना को बोतल में बंद करने में सफल रही।”
- यह नौसेना के साइलेंट ऑपरेशन्स (Submarine, Surveillance, Blockade readiness) की ओर इशारा करता है।
4. हर वो तरीका इस्तेमाल करेंगे जो पाकिस्तान सोच नहीं सकता
“हम आतंकवाद से लड़ने के हर उस तरीके का इस्तेमाल करेंगे जो पाकिस्तान सोच सकता है… और जो वो सोच भी नहीं सकता।”
- यह असिमेट्रिक, साइबर, ड्रोन, आर्थिक प्रतिबंध, और कूटनीतिक दबाव जैसे अज्ञात मोर्चों की तरफ इशारा करता है।
5. P.O.K और आतंकवाद के अलावा कोई बात नहीं होगी
“अगर बात होगी, तो आतंकवाद पर होगी, P.O.K पर होगी।”
- यह भारत की स्पष्ट कूटनीतिक नीति को रेखांकित करता है:
- बातचीत तभी होगी जब पाकिस्तान आतंकवाद पर सख्त कार्रवाई करे।
- PoK (पाक अधिकृत कश्मीर) पर भारत की दावेदारी बनी रहेगी।
6. हाफिज सईद और मसूद अजहर को सौंपने की मांग
“भारत तब ही मानेगा कि पाकिस्तान गंभीर है, जब वह हाफिज सईद और मसूद अजहर को सौंपे।”
- ये दोनों UN-नामित आतंकवादी हैं।
- विशेष रूप से हाफिज सईद, मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड, भारत के लिए एक प्रतीकात्मक प्रतिशोध का लक्ष्य है।
राजनीतिक और सामरिक संदेश
- भारत अब न केवल रणनीतिकार है, बल्कि निर्णायक रूप से हमलावर भी है।
- पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि भारत अब सिर्फ सहता नहीं, बल्कि जबाबी कार्रवाई करेगा — और वह भी बहु-आयामी और जबरदस्त।
INS विक्रांत की भूमिका
- यह भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है।
- यह मेड इन इंडिया डिफेंस कैपेबिलिटी का प्रतीक है।
- इससे भारत हिंद महासागर क्षेत्र में एक प्रमुख नौसैनिक ताकत बन गया है।
निष्कर्ष:
राजनाथ सिंह और पीएम मोदी के बयानों की टाइमिंग और तीव्रता इस ओर इशारा करती है कि भारत अब अपनी सुरक्षा नीति में निर्णायक बदलाव ला चुका है — रक्षात्मक से आक्रामक रणनीति की ओर।