केंद्रीय मंत्री ने कहा, मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में प्रदूषण की वजह से एक नागरिक की औसत आयु 10 साल कम हो रही है. गडकरी ने दोनों महानगर दिल्ली और मुंबई का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली और मुंबई दोनों ही प्रदूषण को लेकर रेड जोन में है. नितिन गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि पर्यावरण संबंधी चिंताओं का तत्काल समाधान किया जाना चाहिए.
मुंबई में भी बढ़ रहा प्रदूषण
मुंबई में एक इवेंट में बात करते हुए उन्होंने प्रदूषण को लेकर बात की. उन्होंने कहा, हमने पर्यावरण के मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया है. गडकरी ने मुंबई को लेकर कहा, मुंबई भी रेड जोन में है. ऐसे में हवा और पानी के प्रदूषण से निपटना होगा. दिल्ली में अच्छे रोड बना रहे है द्वारका एक्सप्रेसस वे बनकर तैयार है.
तरफ सभी का ध्यान खींचा है. उन्होंने हाल ही में राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर बात की. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण बहुत ज्यादा है. उन्होंने प्रदूषण से बढ़ती परेशानियों को लेकर कहा, अगर आप 3 दिन दिल्ली में रहेंगे तो आपको कोई न कोई संक्रमण हो ही जाएगा.
हम लगभग 22 लाख करोड़ रुपये मूल्य का जीवाश्म ईंधन (fossil fuels) आयात करते हैं. प्रदूषण में पेट्रोल और डीजल का बड़ा योगदान है. ट्रैफिक जाम से निजात की जरूरत है. वाहनों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन में बदलाव की जरूरत है. मैं वैकल्पिक ईंधन का समर्थन कर रहा हूं. मैं 22 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन के आयात पर बचत करना चाहता हूं और किसानों की जेब में 10-12 लाख करोड़ रुपये डालना चाहता हूं.
गडकरी ने कहा कि 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने की भारत की आर्थिक महत्वाकांक्षा परिवहन, बिजली, पानी और संचार क्षेत्रों में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर निर्भर है. उच्च लॉजिस्टिक लागत को कम करना भी प्राथमिकता है.
“इतना भयंकर प्रदूषण है”
पिछले साल भी नीतिन गडकरी ने दिसंबर के महीने में कहा था कि बढ़ते प्रदूषण के चलेत वो दिल्ली नहीं जाना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने दावा किया था कि शहर का दौरा करने के बाद उन्हें अक्सर संक्रमण हो जाता है. इससे पहले उन्होंने दिल्ली में एक इवेंट में कहा था कि हर बार दिल्ली में आता हूं, ऐसा लगता है कि जाना चाहिए कि नहीं. इतना भयंकर प्रदूषण है.
दिल्ली की जहरीली हवा
दिल्ली में साल 2024 में प्रदूषण काफी ज्यादा बढ़ गया था. प्रदूषण का लेवल इस हद तक हो गया था कि हर तरफ धुआं नजर आ रहा था, बच्चों के स्कूलों की छुट्टी कर दी गई. साथ ही वाहनों पर रोक लगाई गई थी और कई तरह के नियम लागू किए गए थे. टेक कंपनी IQAir के अनुसार, 18 नवंबर 2024 को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पर 1,500 का प्रदूषण स्तर दर्ज किया गया था. जोकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से सांस लेने के लिए बताए गए संतोषजनक स्तर से 15 गुना ज्यादा था.