दिल्ली-एनसीआर में अवैध हथियार बेचकर मोटा मुनाफा कमाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। हथियारों को गाजियाबाद में लाखों रुपए की मशीनों द्वारा बनाया जा रहा था। पुलिस ने नोएडा में बिना नंबर की एक ब्रेजा गाड़ी को पकड़ा है, जिसमें भारी मात्रा में अवैध हथियार और उन्हें बनाने का सामान बरामद हुआ है। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए पुलिस अलर्ट मोड पर है। लगातार बैरियर लगाकर सघन जांच की जा रही है। इसी क्रम में थाना ईकोटेक-3 पुलिस और क्राइम डिटेक्शन टीम नोएडा सेंट्रल ने एक सूचना पर चौगानपुर गोलचक्कर के पास बिना नंबर प्लेट की ब्रेजा गाड़ी को पकड़ा है, जिसमें चार लोग सवार थे। पुलिस ने गाड़ी की तलाशी के दौरान गाड़ी से भारी मात्रा में अवैध हथियार और हथियार बनाने का सामान बरामद किया है। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
कौन है इस फैक्ट्री का मास्टरमाइंड?
इस अवैध फैक्ट्री का मास्टरमाइंड शाह फहद पुत्र नसीम अहमद है। इस गिरोह के अन्य सदस्य बादल, शिवमपाल और सादिक हैं। डीसीपी नोएडा सेंट्रल निधि सिंह ने बताया कि शाह फहद उर्फ शानू ने गाजियाबाद से मैकेनिकल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा किया है और अपनी पत्नी के नाम पर लियो पराड़ इंडिया इंडस्टरीज प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी चलाता है।
कारखाने के अंदर गोपनीय रूप से इन हथियारों का निर्माण किया जा रहा था। जब कोई ग्राहक अभियुक्तों से संपर्क करता है, तो अभियुक्त एक या दो दिन का समय लेकर उसको तमंचा एवं पिस्टल उसकी मांग के अनुसार उपलब्ध करा देते हैं।
कितने में बिकते हैं ये अवैध हथियार?
एक तमंचा लगभग 10 हजार रुपए में बिकता है और एक पिस्टल लगभग 80 हजार रुपए की कीमत में बिकती है। अभियुक्त और उसके साथियों से जो अवैध शस्त्र बरामद हुए हैं, वह उनकी कंपनी के बने हैं। इन बदमाशों ने कलपुर्जों को तैयार करने के लिए लाखों रुपए की बड़ी-बड़ी मशीनें अपनी कंपनी मोरटा गाजियाबाद में लगा रखी हैं।
डीसीपी सेंट्रल सुनीति सिंह ने बताया कि इनके पास से जो बरामदगी हुई है, उसमें एक ब्रेजा कार है। इसके द्वारा उपकरण और हथियार ले जाए जा रहे थे। इनके पास से एक पिस्टल 8, देसी तमंचे, भारी मात्रा में हथियार बनाने के उपकरण मिले हैं। प्रारंभिक पूछताछ से पता चला है कि लोकसभा चुनावों के कारण मॉडल कोड आफ कंडक्ट लगने के बाद पुलिस की सख्ती बढ़ गई थी।