भारत की अर्थव्यवस्था पर इंटरनेशनल एजेंसी का भरोसा बढ़ा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है, जो अप्रैल की रिपोर्ट के बाद इसका दूसरा संशोधन है। आईएमएफ ने अपने लेटेस्ट विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि, इस वित्तीय वर्ष में विकास दर 6.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। यह इसके पिछले अनुमान से यह 20 आधार अंक (100 आधार अंक 1 प्रतिशत अंक के बराबर है) से ज्यादा है।
उम्मीद से ज्यादा मजबूत खपत रही वजह
खबर के मुताबिक, आईएमएफ (IMF) ने विकास अनुमान में बढ़ोतरी के लिए अप्रैल-जून के दौरान उम्मीद से ज्यादा मजबूत खपत को वजह बताई। इससे पहले ग्रोथ का अनुमान अप्रैल में 5.9 प्रतिशत, जुलाई में 6.1 प्रतिशत था जिसे बढ़ाकर अब 6.3 प्रतिशत कर दिया गया है। यह अनुमान इसे भारतीय अधिकारियों द्वारा अनुमानित 6.5 प्रतिशत के करीब ले जाता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए भी आईएमएफ ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.3 प्रतिशत जताया है।
महंगाई को लेकर जताई ये उम्मीद
महंगाई के मोर्चे पर आईएमएफ (IMF) ने भारतीय रिजर्व बैंक के 5.4 प्रतिशत पूर्वानुमान के मुकाबले कहा है कि इस वित्तीय वर्ष में भारत की खुदरा महंगाई 5.5 प्रतिशत रह सकती है। आरबीआई को उम्मीद है कि दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में मुद्रास्फीति 6.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 5.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 5.2 प्रतिशत रहेगी। पहली तिमाही (2024-25 वित्तीय वर्ष) के लिए, यह 5.2 प्रतिशत अनुमानित है।
ग्लोबल इकोनॉमी पर क्या कहा
दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए आईएमएफ का अनुमान है कि यह साल 2022 में 3.5 प्रतिशत से घटकर 2023 में 3.0 प्रतिशत और 2024 में 2.9 प्रतिशत हो जाएगी। डेवलप्ड इकोनॉमी के साल 2022 में 2.6 प्रतिशत से घटकर 2023 में 1.5 प्रतिशत और 2024 में 1.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है क्योंकि मौद्रिक नीति में सख्ती शुरू हो गई है। उभरते बाजारों और डेवलपिंग इकोनॉमी की ग्रोथ में 2022 में 4.1 प्रतिशत से मामूली गिरावट का अनुमान है और साल 2023 और साल 2024 दोनों में 4.0 प्रतिशत हो जाएगा।