विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार (3 अगस्त) को कहा कि पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब से सत्ता में आए हैं, हमारे संबंध लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों से एक नए पथ पर आगे बढ़े हैं।
विदेश मंत्री राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित 9वें भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) भारत-एलएसी कॉन्क्लेव में साझा एवं सतत विकास के लिए आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि वास्तव में लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों के साथ भारत के संबंधों को और बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
India's ties with Latin America, Caribbean at higher trajectory over last nine years: Jaishankar
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— ANI Digital (@ani_digital) August 3, 2023
एस जयशंकर प्रसाद ने लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों में की गई यात्राओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन देशों में 34 उच्च-स्तरीय यात्राओं के साथ उल्लेखनीय भागीदारी देखने को मिली है, जिसमें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की 6-6 यात्राएं शामिल हैं। तो वहीं प्रधानमंत्री मोदी की चार यात्राएं शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि बेशक, उनमें से सबसे हालिया हमारे राष्ट्रपति की सूरीनाम यात्रा है, जहां उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया था। विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने खुद इस क्षेत्र का नियमित दौरा किया है। यदि दो साल का कोविड न होता तो यह और भी अधिक हो सकता था।
बतादें, इससे पहले एस. जयशंकर थिंक 20 शिखर सम्मेलन में शामिल हुए, जो मैसूरु में आयोजित हुआ। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य दुनिया को भारत के लिए तैयार करना और खुद को दुनिया के लिए तैयार करना है। बैठक को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि थिंक 20 में जी20, आज की चुनौतियों, प्रमुख मुद्दों समेत समूह में हमारे फोकस पर एक आकर्षक चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि यूएनएससी के अंदर विभाजन के कारण G20 पहले की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण है। G20 के सामने कई चुनौतियां हैं। कोविड का प्रभाव, यूक्रेन संघर्ष, ऋण संकट सहित मनमुटाव।